शिवसेना के उद्धव ठाकरे धड़े के नेता संजय राउत ने सोमवार को आरोप लगाया कि नासिक पुलिस ने उनके खिलाफ जो स्वत: संज्ञान के आधार पर मुकदमा दर्ज किया है, उसके पीछे पीछे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस का दबाव है। राउत ने कहा कि फडणविस एक तरफ तो राज्य का कानून-व्यवस्था संभालने में नाकाम रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ इस किस्म की राजनीति में शामिल हैं।
संजय राउत ने सोमवार प्रेस कांफ्रेंस कर खुला आरोप लगाया कि शिंदे-फडणवीस चाहते हैं कि वे उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ दें। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि उनके खिलाफ लगातार इस किस्म का दुष्प्रचार किया जा रहा है ताकि दबाव में आकर वे ठाकरे से अलग हो जाएं।
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राउत ने कहा कि पूरे देश में तमाम अहम नेताओं ने इस बिंदु को रेखांकित किया है कि शिंदे सरकार गैरकानूनी है, लेकिन सरकार ने सिर्फ उन्हें ही निशाना बनाया है। बता दें कि महाराष्ट्र पुलिस ने संजय राउत के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। उन पर आरोप हैकि उन्होंने बीजेपी की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार को गैरकानूनी कहा और कथित तौर पर राज्य के पुलिस अफसरों को सरकार के आदेश न मानने का आह्वान किया। राउत के खिलाफ धारा 505(1) बी के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है जोकि पुलिस और पब्लिक के बीच विश्वास तोड़ने की कोशिश की धारा है।
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ध्यान रहे कि अभ 12 मई को ही सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में जारी शिवसेना के विवाद परफैसला सुनाया है, इसके बाद बाद ही संजय राउत ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि उन्होंने कोई भी असंवैधानिक या आपत्तिजनक बयान नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि, ‘सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस किस्म के सवाल उठ रहे हैं कि क्या महाराष्ट्र की सरकार संवैधानिक क्योंकि 16 विधायकों की योग्यता मामला अभी साफ नहीं हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यह भी साफ हुआ है कि तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिंदे के साथी विधायको की तरफदारी की थी।’ उन्होंने कहा कि कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा है कि वे 16 विधायको के मामले में जल्द फैसला लें। ऐसे में साफ है कि मौजूदा सरकार अभी भी संकट में है।
संजय राउत ने आगे कहा कि कितना भी दबाव क्यों न हो वे उद्धव ठाकरे का साथ नहीं छोड़ेंगे। उन्होंन कहा कि, “गृहमंत्री देवेंद्र फडणविस महाराष्ट्र पुलिस पर इस किस्म के काम के लिए तो दबाव डाल रहे हैं लेकिन अहमदनगर में हुए दंगों को रोकने में पूरी तरह नाकाम रहे हैं।” ध्यान रहे कि पिछले महीने ही पश्चिम महाराष्ट्र के अहमदनगर में एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर दंगे हुए थे। इसी किस्म के दंगे हाल में विदर्भ क्षेत्र के अकोला में भी हुए हैं।
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इस बीच उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने आक्राम रुख अपनाते हुए मांग की कि महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को 16 विधायकों की अयोग्यता पर सुप्रीम कोर्ट के पिछले सप्ताह के निर्देश के अनुसार जल्द फैसला लेना चाहिए। पार्टी के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु ने कहा कि शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के प्रतिनिधिमंडल ने डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल से मुलाकात कर इस बारे में एक ज्ञापन सौंपा।
सुनील प्रभु ने कहा, चूंकि अध्यक्ष (नार्वेकर) शहर से बाहर हैं, इसलिए हमने उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल से मुलाकात की और इस मुद्दे पर अपना ज्ञापन सौंपा। हमने दोहराया है कि अध्यक्ष को इस मामले में जल्द से जल्द अपना फैसला लेना चाहिए। अपने फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित 16 विधायकों के सवाल को महाराष्ट्र अध्यक्ष पर छोड़ दिया था, और उचित समय में निर्णय लेने के लिए कहा था।
प्रतिनिधिमंडल में शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के विधायक और एमएलसी सुनील प्रभु, रमेश कोरगांवकर, सुनील राउत, अनिल परब, डॉ, मनीषा कयांडे, सचिन अहेर, विलास पोटनिस, सुनील शिंदे और रुतुजा लटके शामिल थे। प्रभु ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने शीर्ष अदालत के फैसले की प्रति और अपनी मुख्य मांग पर शिवसेना (यूबीटी) के पत्र को जमा किया और उम्मीद जताई कि अध्यक्ष बिना किसी देरी के इस पर उचित कार्रवाई करेंगे।
(आईएएनएस इनपुट के साथ)
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