समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी धर्म के आधार पर नागरिकता देना चाहती हैं, और वह चाहती है कि मुसलमानों का नागरिकता न मिले। लखनऊ में अखिलेश यादव नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के खिलाफ साइकिल मार्च को हरी झंडी दिखाई और रवाना किया।
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अखिलेश यादव ने इस दौरान कहा, “ बीजेपी नागरिकता धर्म के आधार पर देना चाहते हैं, बीजेपी चाहती हैं कि मुसलमानों को नागरिकता न मिले। बीजेपी तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। क्या असम और पूर्वोत्तर के लोग इस कानून से खुश हैं? आधार में सब मौजूद है। समाजवादी पार्टी सीएए और एनआरसी और एनपीआर का विरोध करती है।”
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उन्होंने कहा, “भारत की अर्थव्यवस्था का नाश हो गया है, और बैंकिग प्रणाली डूबा दिया। अपने लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए आप ऐसा कर रहे हैं।”
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अखिलेश यादव ने भगवा पर कहा, “पता नहीं कहां पर खलबली मची है। किसी का अधिकार थोड़े ही है। केवल रंग बदलने के लिए ऐसा किया जा रहा है। भगवा में ऐसा क्या है? पीताम्बर रंग भी है, लेकिन देश का रंग तिरंगा ही रहेगा। जाति के आधार पर जनगणना होनी चाहिए, ताकि आबादी के आधार पर सबको अधिकार मिले।”
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अखिलेश यादव ने कहा, “बीजेपी नए साल में अपने पापों की माफी मांगे नहीं तो जनता सजा देगी आपको। पूरे यूपी की जनता जानती है कि कानून-व्यवस्था इनके हाथ में नहीं हैं। निवेश नहीं आ रहा है, इसलिए एनपीआर आ रहा है। निवेश नहीं आया, इसलिए एनआरसी आ रहा है। हमारे देश की पहचान खराब हो रही है, देश की बदनामी हो रही है। कोई ग्लोबल निवेश नहीं आएगा।”
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गौरतलब है कि अखिलेश यादव ने इससे पहले एनपीआर का विरोध करते हुए कहा था कि वह कोई फॉर्म नहीं भरेंगे। उन्होंने कहा था कि वह भारतीय हैं, और उन्हें इसका प्रमाण देने की जरूरत नहीं है।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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