अमेरिका में अडानी समूह पर मुकदमा होने और रिश्वतखोरी मामले में नाम आने के बाद सागर अडानी भी सुर्खियों में आ गए हैं। सागर अडानी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं और अडानी समूह में लीडरशिप ग्रुप के अहम सदस्य हैं। वे अडानी समूह के प्रमुख गौतम अडानी के भतीजे भी हैं। अडानी समूह के कई शीर्ष अधिकारियों पर अमेरिकी अधिकारियों ने आरोप लगाए हैं। नए आरोपों के बाद देश के सबसे बड़े उद्यमों में से एक अडानी समूह पर एक बार फिर संदेह के बादल घिर आए हैं।
सागर अडानी ने अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में डिग्री हासिल करने के बाद 2015 में अडानी समूह में काम शुरु किया था। उन्होंने प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में अपना करियर शुरू किया। सागर ने अडानी ग्रीम एनर्जी लिमिटेड में रिन्यूएबल एनर्जी पोर्टफोलियो को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसमें सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं की एक लंबी चेन शामिल है। बीते कुछ वर्षों में सागर ने समूह के रणनीतिक विकास और वित्तीय संचालन को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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लेकिन ताजा मामलों के सामने आने के बाद उनकी इन सभी उपलब्धियों पर संकट और संदेह गहरा गया है। बीते साल मार्च 2023 में, सागर को अमेरिका की एक ग्रैंड जूरी ने सम्मन भेजा था, और इसके बाद अमेरिकी अधिकारियों ने एक सर्च वारंट के आधार पर उनके यहां तलाशी ली थी और कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त किया गया था। वारंट में व्यावसायिक फायदा लेने के लिए भारत में सरकारी अधिकारियों को कथित रूप से रिश्वत और अन्य प्रलोभन देने और भुगतान करने के सबूतों को रेखांकित किया गया था। सागर पर ये आरोप विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (FCPA) के उल्लंघन और अडानी समूह द्वारा संभावित प्रतिभूति धोखाधड़ी यानी शेयरों की खरीद-फरोख्त में धोखाधड़ी की व्यापक जांच का हिस्सा हैं।
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अडानी समूह पर जांच के बाद वित्तीय बाजार में हड़कंप मच गया है और अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। हालांकि रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में सागर अडानी की अग्रणी भूमिका रही है, लेकिन अडानी समूह पर छाए संदेह के बादलों ने उनके करियर पर भी सवालिया निशान लगा दिए हैं।
जैसे-जैसे कानूनी कार्यवाही आगे बढ़ रही है, यह मामला निवेशकों, नियामकों और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समुदायों के लिए एक महत्वपूर्ण केन्द्रबिन्दु बना हुआ है, साथ ही भारतीय कॉर्पोरेट क्षेत्र में कॉर्पोरेट प्रशासन और नैतिक प्रथाओं पर इसके संभावित प्रभाव पड़ने की आशंका है।
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