मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से बीजपी प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर की मुश्किलें आने वाले दिनों में बढ़ सकती है। मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने देवास जिले में लगभग 12 साल पहले हुई आरएसएस प्रचारक सुनील जोशी की हत्या के मामले को दोबारा खोलने का फैसला लिया है। इस केस में प्रज्ञा ठाकुर समेत 8 लोग आरोपी थे, जिन्हें 2017 में बरी कर दिया गया था।
इस मामले में राज्य के विधि मंत्री पी सी शर्मा ने सोमवार को इस बात के संकेत देते हुए कहा कि राज्य सरकार सुनील जोशी हत्याकांड की फाइल को फिर खोलने जा रही है। शर्मा ने कहा, "मैं प्रज्ञा ठाकुर को साध्वी नहीं कहूंगा, क्योंकि उन्होंने महात्मा गांधी के हत्यारे को देशभक्त और शहीद हेमंत करकरे को देशद्रोही बताया है। इन बयानों से ऐसा लगता है कि वे उस (आरएसएस प्रचारक सुनील जोशी) हत्याकांड में शामिल हो सकती हैं, इसलिए केस की जांच फिर से होनी चाहिए। इसके लिए हम कानूनी सलाह लेकर हाईकोर्ट में फिर से अपील करने जा रहे हैं।"
आरएसएस प्रचारक और समझौता ब्लास्ट केस में आरोपी सुनील जोशी की 29 दिसंबर 2007 को देवास के इंडस्ट्रियल एरिया पुलिस थाने के पास हत्या कर दी गई थी। मामले में राजस्थान से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था, जिसने प्रज्ञा समेत अन्य लोगों के नाम उजागर किए थे। हालांकि मामले के सभी आरोपियों को फरवरी 2017 में सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था।
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