केरल में स्थित सबरीमला मंदिर 5 दिन की पूजा-अर्चना के बाद सोमवार रात 10 बजे बंद कर दिए जाएंगे। सबरीमाला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद 18 अक्टूबर को पहली बार मंदिर के द्वार खोले गए थे। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद पिछले 5 दिनों में 10 से 50 साल तक की एक भी महिला मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाई है। ऐसी खबरें है कि आज महिलाओं के द्वारा फिर से मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश हो सकती है। आज से भगवान अयप्पा मंदिर का द्वार एक महीने के लिए बंद हो जाएगा। अब यह नवंबर 16 तारीख को खुलेंगे।
इससे पहले रविवार को, बड़ी संख्या में मौजूद भगवान अयप्पा के हजारों समर्थकों ने 5 महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने नहीं दिया। श्रद्धालुओं ने अयप्पा के मंत्रों का उच्चारण करते हुए तेलुगु बोलने वाली 5 महिलाओं को मंदिर में पहुंचने से पहले ही रोक दिया। अब तक 2 पत्रकारों समेत 7 महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों के कड़े विरोध पर उन्हें प्रवेश किए बिना ही लौटना पड़ा। 10 से 50 वर्ष उम्र की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रतिबंध हटाने के आदेश को लागू करने का श्रद्धालु लगातार विरोध कर रहे हैं।
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वहीं पुलिस अधिकारियों ने सन्निधानम और पांबा में मौजूद मीडिया कर्मियों से आग्रह किया है कि वो वहां से चले जाएं क्योंकि उन पर सुनियोजित तरीके से हमले किये जा सकते हैं। सभी मीडिया चैनल सबरीमाला सन्निधानम से हटा लिए गए हैं और वहां बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है।
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दूसरी ओर 10 से 50 साल की महिलाओं के प्रवेश पर पूर्ववत पाबंदी लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में कई रिट और रिव्यू पिटिशन डाली गई है। कोर्ट ने इस मामले में कहा कि मंगलवार को इन नई याचिकाओं पर सुनवाई होगी या नहीं, इस पर फैसला लिया जाएगा। इस मामले में अभी तक कुल 19 याचिकाएं दायर की गई हैं।
केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने सबरीमला मंदिर में हो रही हिंसा के लिए आरएसएस और बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, बीजेपी ने मांग है कि इस मसले में केंद्र हस्तक्षेप करे और राज्य सरकार विधानसभा सत्र बुलाए।
बता दें कि सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश का ऐतिहासिक फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया। हालांकि, कोर्ट के इस फैसले का केरल में पुरजोर विरोध भी हो रहा है क्योंकि भगवान अय्यप्पा को ब्रहमचारी माना जाता है और इसलिए उनके मंदिर में धार्मिक आस्था के आधार पर रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर बैन लगाया गया था।
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