उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के जगदीशपुरा थाने के 'मालखाना' (स्ट्रांगरूम) से 25 लाख रुपये चोरी करने के आरोपी वाल्मीकि समुदाय के एक सफाई कर्मचारी अरुण वाल्मीकि की हिरासत में मौत के बाद वाल्मीकि जयंती पर बुधवार को बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया। वाल्मीकि समुदाय ने मृतक के परिवार को दो करोड़ रुपये का आर्थिक मुआवजा दिए जाने तक सभी समारोहों का बहिष्कार करने का फैसला किया है।
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आरोपी अरुण को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस के अनुसार चोरी की गई नकदी बरामद करने के लिए उसे उसके घर ले जाया जा रहा था, तभी उसकी हालत बिगड़ गई जिसके बाद अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई। वहीं, पीड़ित के परिवार के लोगों ने प्राथमिकी में कहा है कि पूछताछ के दौरान लगी चोटों के कारण उसने दम तोड़ दिया।
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वहीं, इस मामले पर आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुनिराज ने कहा कि आरोपी ने कबूल किया था कि चोरी के पैसे उसके घर पर रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि जांच जारी है और अगर कोई दोषी पाया गया तो कार्रवाई की जाएगी। शव को एस. एन. मेडिकल कॉलेज के पोस्टमार्टम वार्ड में रखा गया है, जबकि जगदीशपुरा थाना क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने मामले की गहन जांच और मृतक के परिवार को मुआवजे की मांग की है।
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इस बीच, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू सहित अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ वाल्मीकि समुदाय के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए मृतक के परिवार से मिलने के लिए आगरा रवाना हो गई हैं। इससे पहले आगरा के लिए निकलीं प्रियंका गांधी को लखनऊ पुलिस ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर रोककर हिरासत में ले लिया था, जिसके बाद वह अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ धरने पर बैठ गई थीं। हंगामा बढ़ता देख पुलिस ने उन्हें चार लोगों के साथ आगरा जाने की इजाजत दे दी।
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