अग्निपथ योजना के तहत जाति प्रमाण पत्र मांगने पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। विपक्ष लगातार मोदी सरकार की मंशा पर सवाल उठा रही है। अब इस मामले में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना की सफाई सामने आई है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि सैन्य भर्ती प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है। संसद भवन परिसर में मीडिया से बात करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं, यह पूरी तरह से अफवाह है। जो पहले व्यवस्था थी, आजादी के पहले की, वही व्यवस्था अब तक चली आ रही है। कहीं पर कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि जो पुरानी व्यवस्था रही है वही व्यवस्था अब तक चली आ रही है।
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सैन्य भर्ती में जाति और धर्म प्रमाण पत्र मांगे जाने पर सेना ने भी सफाई दी है। सैन्य अधिकारियों का कहना है कि अग्निपथ योजना के तहत सैन्य भर्ती प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पहले भी जाति और धर्म प्रमाण पत्र मांगा जाता रहा है। सैन्य भर्ती में धर्म प्रमाण पत्र मांगे जाने पर सेना के एक अधिकारी ने कहा कि प्रशिक्षण और तैनाती के दौरान शहीद होने वाले सैनिकों का अंतिम संस्कार करने के लिए धर्म का पता होना आवश्यक होता है। इससे उनका अंतिम संस्कार उसी धर्म के मुताबिक किया जाता है।
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दरअसल, अग्निपथ योजना के तहत होने वाली भर्ती प्रक्रिया में जाति एवं धर्म प्रमाणपत्र मांगे जाने को लेकर देश में सियासत शुरू हो गई है। विपक्षी दल इसे लेकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं।
सेना की बहाली में जाति प्रमाण पत्र मांगने की मंशा पर पहले जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सवाल उठाया था और अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर बेहद तल्ख लहजे में कहा कि जातिगत जनगणना से दूर भागने वाली सरकार देश के लिए जान देने वाले अग्निवीर भाइयों से जाति पूछती है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि जात न पूछो साधु की लेकिन जात पूछो फौजी की संघ की BJP सरकार जातिगत जनगणना से दूर भागती है लेकिन देश सेवा के लिए जान देने वाले अग्निवीर भाइयों से जाति पूछती है। ये जाति इसलिए पूछ रहे है क्योंकि देश का सबसे बड़ा जातिवादी संगठन RSS बाद में जाति के आधार पर अग्निवीरों की छंटनी करेगा।
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बता दें कि सेना बहाली में आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट जारी कर दी गई है। इन दस्तावेजों में कई दस्तावेजों के साथ जाति प्रमाण पत्र मांगे गए हैं। इस मांग पर कई नेताओं समेत कई वरिष्ठ पत्रकारों ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठा चुके हैं।
भारतीय सेना में जवानों की भर्ती के लिए शुरू की गई इस नई स्किम 'अग्निपथ योजना' में जिन युवाओं को भारतीय सेना में शामिल किया जाएगा उन्हें 'अग्निवीर' के नाम से जाना जाएगा। इस योजना के तहत अग्निवीरों को 4 साल तक सेना में नौकरी करने का मौका मिलेगा।
इस योजना के तहत जिन युवाओं को भारतीय सेना में भर्ती किया जाएगा उनकी उम्र 17 वर्ष 6 महीने से 21 वर्ष के बीच होनी चाहिए। हालांकि पहले चरण के भर्ती में युवाओं को उम्र में 2 साल का छूट दिया जा रहा है यानी कि जिन युवाओं का उम्र 17 साल 6 माह से 23 वर्ष के बीच है इस बार वह युवा भी अग्नीपथ स्कीम के तहत आर्मी भर्ती में अपना आवेदन दे सकते हैं।
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