पीएम मोदी के गृह-राज्य गुजरात की विधानसभा में आज एक ऐसा दृश्य दिखा जो लोकतंत्र के लिए कतई अच्छा नहीं कहा जा सकता।
14 मार्च को कांग्रेस के विधायक प्रताप दुधत और बीजेपी विधायक जगदीश पंचाल के बीच हाथापाई हो गई। ऐसा बताया गया कि पंचाल कांग्रेस विधायकों को अध्यक्ष के संबोधन के दौरान चुप रहने की सलाह दे रहे थे, इसी बात से दुधात को गुस्सा आ गया।
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13 मार्च को भी कांग्रेसी विधायकों के हंगामे के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस के 28 विधायकों को 15 दिन के लिए निलंबित कर दिया था।
बुधवार को इस निलंबन का कांग्रेसी विधायक विधानसभा में विरोध कर रहे थे।
हंगामा उस वक्त हुआ जब कृषि मंत्री आरसी फाल्दू अपने विभाग के लिए बजट संबंधित मांग रख रहे थे।
कांग्रेस विधायक परेश धानाणी ने किसानों के मुद्दे सरकार से एक सवाल पूछा। जब इसका जवाब देने के लिए कृषि मंत्री चिमनभाई सापरिया खड़े हुए और उन्होंने 1995 से पहले के कांग्रेस शासन का जिक्र कर दिया। इसके बाद ही दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए।
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इस मामले पर उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि विधानसभा में जो भी हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है।
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खबरों में यह कहा जा रहा है कि कांग्रेस विधायक अंबरीश डेर और प्रताप दुधत को 3 साल के लिए गुजरात विधानसभा से निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा कांग्रेस विधायक बलदेव ठाकौर का 1 साल के लिए निलंबन हुआ है।
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