राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर पहले मोदी सरकार ने पलटी मारी, उसके बाद बीएचपी और अब आरएसएस ने भी इस मुद्दे पर यू-टर्न ले लिया है। कल तक जो आरएसएस प्रमुख, मोदी सरकार से मंदिर निर्माण की मांग को लेकर अध्यादेश की मांग कर रहा थे, लेकिन अब उनका कहना है कि राम मंदिर का निर्माण लोकसभा चुनाव के बाद होगा।
खबरों के मुताबिक, उत्तराखंड के देहरादून में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे संघ प्रमुख ने कहा कि चुनाव के बाद कोई भी सरकार सत्ता में आए, संघ सभी धर्मगुरुओं के साथ मंदिर निर्माण करेगा। इस बयान से साफ हो जाता है कि संघ भी अब चुनाव के बाद ही मंदिर निर्माण के हक में है।
संघ प्रमुख से पहले वीएचपी का भी राम मंदिर के मुद्दे पर बयान आया था। वीएचपी की तरफ से कहा गया था कि लोकसभा चुनाव तक वो मंदिर निर्माण की बात नहीं करेंगे। चुनाव के बाद ही मंदिर निर्माण पर फैसला लिया जाएगा। यह वही वीएचपी है जो कुछ दिनों पहले राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर देश के अलग-अलग हुस्सों में धर्मसभाओं का आयोजन कर चुकी है।
आरएसएस और वीएचपी से पहले राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए गए एक इंटरव्यू में बयान दिया था। अध्यादेश लाकर मंदिर निर्माण की मांग के मुद्दे पर पीएम मोदी ने कहा था कि इस मुद्दे पर संविधान के तहत ही फैसला होगा। उन्होंने कहा था कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, ऐसे में सभी को कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए।
Published: 07 Feb 2019, 11:37 AM IST
वहीं जब विपक्ष कहता था कि मंदिर का फैसला संविधान के तहत होना चाहिए तो यही वीएचपी और आरएसएस हंगामा किया करते थे। लेकिन अब सभी ने पलटी मार दी है, और फिलहाल राम मंदिर पर शांत रहने का ही फैसला लिया है।
Published: 07 Feb 2019, 11:37 AM IST
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Published: 07 Feb 2019, 11:37 AM IST