बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘भ्रष्टाचार से समझौता नहीं करने’ के बयान को हास्यास्पद बताते हुए सवाल उठाया कि बिहार में हुए 36 घोटालों पर क्या कार्रवाई हुई?
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उनकी कथनी और करनी में अंतर हैं।
नीतीश कुमार को बिहार में हुए सृजन घोटाला, शौचालय घोटाला, छात्रवृत्ति घोटाले जैसे 36 घोटालों पर लोगों को बताना चाहिए कि उन पर क्या कार्रवाई हुई है। आरजेडी नेता ने मुख्यमंत्री पर ‘चोर दरवाजे’ से ‘दंगाइयों’ को सत्ता में लाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी के लोग बिहार में उपचुनाव हारने के बाद से समाज में जहर फैलाने का काम कर रहे हैं जिसका समर्थन नीतीश कुमार कर रहे हैं।
तेजस्वी यादव ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग से भी पीछे हटने का आरोप लगाते हुए कहा कि हम लोगों को बिहार के विकास के लिए जनादेश मिला था, परंतु नीतीश कुमार चोर दरवाजे से बीजेपी को सत्ता में ले आए।
उन्होंने कहा, “विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जो करना है करें। चंद्रबाबू नायडू ने दिखा दिया कि क्या किया जा सकता है। मुख्यमंत्री अपनी सभी मांगों को भूल गए हैं।”
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 19 मार्च को भ्रष्टाचार और समाज को तोड़ने वाली नीति से समझौता नहीं करने की बात कही थी।
बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के पुत्र अर्जित शाश्वत चौबे को बचाने का आरोप लगाते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि दंगा फैलाने वालों को सरकार में कौन लाया? उन्होंने आरोप लगाया कि भागलपुर में पुलिस ने केवल खानापूर्ति की है।
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि समाज में जहर फैला रहे बीजेपी नेता गिरिराज सिंह और नित्यानंद की गिरफ्तारी क्यों नहीं हो रही है? 17 मार्च को भागलपुर में दो समुदायों में तनाव के बाद दर्ज प्राथमिकी में शाश्वत चौबे को भी आरोपी बनाया गया है।
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