बिहार चुनाव में हिलसा विधानसभा क्षेत्र से केवल 12 वोटों से चुनाव हार कर चर्चा में आए आरजेडी के उम्मीदवार शक्ति सिंह यादव ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मतों की गिनती में गड़बड़ी का आरोप लगाकर चुनाव परिणाम की जांच कराने की मांग की है। उनका आरोप है कि उन्हें सरकार के दबाव में अन्यायपूर्ण तरीके से जानबूझकर हराया गया है।
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जनसत्ता की खबर के अनुसार आरजेडी नेता शक्ति सिंह यादव का दावा है कि काउंटिंग में वह 549 मतों से जीत गए थे, लेकिन तभी 8-9 नंबर टेबल पर कुछ गड़बड़ी की गई। उस समय सभी उम्मीदवार वहां से निकल चुके थे। यहां तक कि जेडीयू के उम्मीदवार भी वहां नहीं थे। इसी बीच कंप्यूटर टैबलेटिंग में गड़बड़ी कर जेडीयू उम्मीदवार के 90 मतों को 190 कर दिया गया। उन्होंने कहा कि उस दिन के वीडियो फुटेज में सबकुछ साफ-साफ देखा जा सकता है।
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हाल में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव में हिलसा से जेडीयू के कृष्ण मुरारी शरण उर्फ प्रेम मुखिया को कुल 61,848 वोट मिले, जबकि दूसरे नंबर पर रहे आरजेडी के शक्ति सिंह यादव को कुल 61,836 वोट मिले। दोनों के मतों में केवल 12 वोटों का अंतर है। शक्ति सिंह यादव का कहना है कि अफसरों ने सरकार के दबाव में जानबूझकर हराया है। उन्होंने जेडीयू उम्मीदवार कृष्ण मुरारी शरण उर्फ प्रेम मुखिया की जीत को अन्यायपूर्ण बताया।
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शक्ति सिंह ने पटना हाईकोर्ट से मामले की जांच के आदेश देने की मांग की है। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए बेहद दुखद बताते हुए कहा, “मैं चाहता हूं कि न्यायालय ऐसा फैसला दे, जो दूसरों के लिए भी नजीर बन सके।” उन्होंने दावा किया कि गोपालगंज की भोरे सीट से जेडीयू उम्मीदवार सुनिल कुमार हार गए थे, लेकिन वहां रीकाउंटिंग कराकर उन्हें गलत तरीके से जिता दिया गया। ऐसा ही बरबीघा में कांग्रेस के प्रत्याशी गजानंद शाही के साथ भी हुआ था। बहरहाल इस पूरे मामले में अब गेंद न्यायालय के पाले में है।
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