दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हुई हिंसा मामले में अब तक 14 लोगों की गिरफ्तारी हुई हैं। हिंसा के दौरान कथित तौर पर फायरिंग करने वाला असलम भी दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। इस बीच रविवार को दिल्ली जमीयत उलमा ए हिंद के जनरल सेक्रेटरी अब्दुल राजिक और उनके साथ अन्य सदस्य इलाके का मुआयना करने पहुंचे। लोगों से बातचीत के बाद उन्होंने कहा कि शोभा यात्रा में आकर अलग से लोगों ने मस्जिद में जबरन घुसने की कोशिश की और तभी दंगा शुरू हुआ।
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अब्दुल राजिक ने बताया कि शोभा यात्रा 12 बजे से 3 बजे तक निकल गई थी, उस दौरान कुछ नहीं हुआ। फिर दोबारा 3 बजे शोभा यात्रा निकली, जिसका यहां के मुसलमानों ने स्वागत किया। लेकिन तीसरी बार फिर कुछ लोग यात्रा लेकर आते हैं और मस्जिद में घुसने की कोशिश करते हैं और भगवा झंडा लगाने की कोशिश भी करते हैं।
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अब्दुल राजिक ने मांग की कि झंडा लगाने वाले लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई हो और जो लोग पथराव कर रहे थे उन पर भी कार्रवाई हो। शोभा यात्रा में अलग से कुछ लोग आकर मस्जिद में घुस रहे थे और यहीं से दंगा शुरू हुआ और तभी पथराव भी हुआ।
उन्होंने आगे कहा कि वे एक अमन का पैगाम लेकर यहां पहुंचे हैं और डीसीपी से भी मुलाकात की है। हमने उनसे गुजारिश की है कि ऐसा संदेश न जाये कि एकतरफा कार्रवाई हुई है बल्कि दोषी बचना नहीं चाहिए और बेकसूर फंसना नहीं चाहिए। यहां जो हुआ है, वह बेहद गलत हुआ है। हमारा मुल्क ऐसा नहीं है।
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दिल्ली पुलिस ने हिंसा की जांच के लिए 10 टीमें गठित की हैं। वहीं हिंसा के लिए पुलिस की ओर से मास्टरमाइंड बताए जा रहे अंसार की पत्नी शकीना ने बताया कि, "मेरा पति निर्दोष है, रोजा खोलने के वक्त उनके पास जानकारी आई कि लड़ाई झगड़ा हो रहा है। इसके बाद वह खाना छोड़ कर भागा ताकि कोई मार पिटाई न करने लगे। इसलिए तुरन्त बचाव के कारण वह घर से गया। लेकिन उसे ही दोषी करार दिया जा रहा है।"
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