पश्चिम बंगाल सरकार ने आरजी कर अस्पताल मामले में जारी गतिरोध को दूर करने के लिए सोमवार को ‘‘पांचवीं और आखिरी बार’’ प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों को बातचीत के लिए बुलाया। दो दिन पहले बैठक के सीधे प्रसारण को लेकर असहमति के बाद बातचीत नहीं पाई थी।
प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों को भेजे ईमेल में मुख्य सचिव मनोज पंत ने उन्हें सोमवार को शाम पांच बजे बातचीत के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कालीघाट स्थित आवास पहुंचने को कहा।उन्होंने लिखा, ‘‘यह पांचवीं और आखिरी बार है जब हम माननीय मुख्यमंत्री एवं प्रतिनिधियों के बीच बैठक को लेकर आपसे संपर्क कर रहे हैं। परसों (शनिवार को) हुई हमारी चर्चा के अनुरूप, हम एक बार फिर आपको मुख्यमंत्री के साथ उनके कालीघाट स्थित आवास पर बैठक के लिए खुले मन से चर्चा के लिए आमंत्रित कर रहे हैं।’’
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पंत ने उम्मीद जताई कि ‘‘प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को सद्बुद्धि आएगी’’ क्योंकि शनिवार को आपसी सहमति बनी थी कि बैठक की कोई ‘‘लाइव-स्ट्रीमिंग या वीडियोग्राफी’’ नहीं होगी क्योंकि मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसके बजाय बैठक में हुई बातचीत को रिकॉर्ड किया जाएगा और दोनों पक्ष इस पर हस्ताक्षर करेंगे।’’
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मेल का जवाब देते हुए प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने कहा कि वे आपस में चर्चा करेंगे और फिर बैठक में भाग लेने के बारे में अपने निर्णय की घोषणा करेंगे। आरजी कर अस्पताल में नौ अगस्त को एक डॉक्टर से बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने सरकारी अस्पताल में काम बंद कर रखा है।
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बनर्जी शनिवार को अचानक प्रदर्शन स्थल पहुंचीं और प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों को आश्वस्त किया कि उनकी मांगें मानी जाएंगी। उन्होंने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को बातचीत के लिए आने को कहा लेकिन प्रस्तावित बैठक रद्द हो गई। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि मुख्यमंत्री आवास के गेट पर तीन घंटे तक इंतजार करने के बाद उन्हें ‘‘अनौपचारिक तरीके से’’ वहां से चले जाने को कहा गया।
सरकार द्वारा सीधे प्रसारण की मांग को अस्वीकार करने के कारण प्रदर्शनकारियों ने बनर्जी के आवास में प्रवेश करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद वह डॉक्टरों से बातचीत में शामिल होने की अपील करने के लिए बाहर आईं और उनसे ‘‘उनका अपमान नहीं करने’’ का अनुरोध किया तथा उनसे वादा किया कि बैठक के विवरण की एक हस्ताक्षरित प्रति उन्हें दी जाएगी।
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