राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में सत्ताधारी बीजेपी ने चुनाव के लिए हर मोर्चे पर एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा है। लेकिन पार्टी के अंदर छिड़ी बगावत ने बीजेपी के लिए गंभीर समस्या खड़ी कर दी है। सोमवार को सरकार में मंत्री और सीएम वसुंधरा के बेहद करीबी रहे सुरेंद्र गोयल के इस्तीफे के बाद अब नागौर से विधायक हबीबुर्रहमान ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया हैं। हबीबुर्रहमान ने अपना इस्तीफा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी को भेज दिया है।
नागौर से विधायक रहे हबीबुर्रहमान ने अपना टिकट काटे जाने से नाराज होकर इस्तीफा दिया है।रहमान की जगह बीजेपी ने मोहन राम चौधरी को नागौर से टिकट दिया गया है। हबीबुर्रहमान ने पार्टी छोड़ने के साथ ही बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि बीजेपी में मुसलमानों को टिकट नहीं देने की नीति बन गयी है। रहमान ने कहा,” मैंने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है। जब पार्टी में मुस्लिमों को टिकट नहीं देने की नीति बन जाए तो फिर क्या कह सकते हैं। मैं आगे की रणनीति अपने कार्यकर्ताओं से मिलने के बाद ही तय करूंगा।”
इसके अलावा बीजेपी के पूर्व महासचिव कुलदीप धनकड़ ने सोमवार को चुनाव में उपेक्षित किये जाने के बाद पार्टी छोड़ दी। उनके मुताबिक, वह विराट नगर से बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं और उन्होंने कहा कि बीजेपी द्वारा उनके स्थान पर खड़ा किया गया उम्मीदवार खराब विकल्प है।
वहीं, वसुंधरा सरकार के स्वास्थ्य मंत्री काली चरण सराफ, परिवहन मंत्री यूनुस खान और उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत का भी नाम उम्मीदवारों की सूची में नहीं है और आशंका है कि ये सभी भी आने वाले दिनों में बीजेपी से किनारा कर सकते हैं।
इस्तीफों और बगावत पर बीजेपी के राजस्थान चुनाव प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने बताया कि मतभेदों को समाप्त करने के लिए जो हो सकता है, पार्टी करेगी। उन्होंने कहा कि मतभेदों को दूर करने के लिए बातचीत की प्रक्रिया जारी है। किसी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं देने के सवाल पर उन्होंने कहा, "हमारी अगली सूची लंबित है और एक बार सूची जारी हो जाने के बाद हम इस मुद्दे पर बात करेंगे।"
बता दें कि बीजेपी ने बीते दिनों 7 दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में 131 प्रत्याशियों के नाम शामिल हैं। लिस्ट आने के बाद से विधायकों के इस्तीफे आने शुरू हो गए। सोमवार को इस्तीफा देने वाले सुरेंद्र गोयल ने भी टिकट काटे जाने से नाराज होकर इस्तीफा दिया है। वह पांच बार से पार्टी के विधायक रहे हैं।
Published: undefined
इसके अलावा टिकट नहीं मिलने से कई विधायकों के समर्थकों के विरोध-प्रदर्शन और हंगामे का भी पार्टी को सामना करना पड़ रहा है। अजमेर जिले की किशनगढ़ विधानसभा से विधायक भागीरथ चौधरी को टिकट नहीं मिलने पर कार्यकर्ताओं ने जयपुर में पार्टी कार्यालय के बाहर जमकर हंगामा किया। इसी तरह कोटा जिले में रामगंजमंडी से विधायक चंद्रकांता मेघवाल, सागवाड़ा विधायक अनीता कटारा, डूंगरपुर विधायक देवेन्द्र कटारा और सादड़ी विधायक गौतम दक भी टिकट नहीं मिलने पर अपनी नाराजगी जता चुके हैं।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined