चुनाव आयोग की अधिकारी ने मुंबई उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट पर मतगणना के दिन काउंटिंग सेंटर में शिवसेना उम्मीदवार के रिश्तेदार द्वारा मोबाइल फोन के अनधिकृत इस्तेमाल के आरोप को स्वीकार किया है और कहा है कि इस मामले में रिटर्निग ऑफिसर ने केस दर्ज करा दिया है। हालांकि आयोग ने मोबाइल से ईवीएम में छेड़छाड़ किये जाने के आरोपों को खारिज कर दिया है।
मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा क्षेत्र की निर्वाचन अधिकारी वंदना सूर्यवंशी ने रविवार को मिड-डे समाचार पत्र में प्रकाशित एक खबर पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें कहा गया है कि शिवसेना उम्मीदवार रवीन्द्र वायकर के एक रिश्तेदार ने 4 जून को मतगणना के दौरान एक मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया था, जो ईवीएम से जुड़ा था। सूर्यवंशी ने कहा, "ईवीएम एक स्वतंत्र प्रणाली है और इसे अनलॉक करने के लिए ओटीपी की कोई जरूरत नहीं है। हमने मिड-डे अखबार को भारतीय दंड संहिता की धारा 499, 505 के तहत मानहानि और झूठी खबर फैलाने के लिए एक नोटिस जारी किया है।’’
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बयान में कहा गया है कि 27-मुंबई उत्तर पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र के मतगणना केंद्र पर हुई घटना में एक उम्मीदवार के सहयोगी द्वारा अधिकृत व्यक्ति के मोबाइल फोन का अनाधिकृत रूप से उपयोग किया गया। इस मामले में रिटर्निंग अधिकारी की ओर से आपराधिक मामला दर्ज किया जा चुका है। ईवीएम को अनलॉक करने के लिए मोबाइल फोन पर कोई ओटीपी नहीं होता है, क्योंकि यह नॉन प्रोग्रामेबल है और इसमें वायरलेस संचार क्षमता नहीं है। एक अखबार द्वारा झूठ फैलाया जा रहा है, जिसका इस्तेमाल कुछ नेता झूठी कहानी बनाने के लिए कर रहे हैं।
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अधिकारी ने कहा कि ईवीएम एक स्टैंड अलोन डिवाइस है, जिसमें ईवीएम सिस्टम के बाहर की इकाइयों के साथ कोई वायर्ड या वायरलेस कनेक्टिविटी नहीं होती है। किसी भी तरह की हेराफेरी की संभावना को खत्म करने के लिए तकनीकी विशेषताएं और मजबूत सुरक्षा उपाय किए गए हैं। सुरक्षा उपायों में उम्मीदवारों या उनके एजेंटों की मौजूदगी में हर काम करना शामिल है। ईटीपीबीएस की गिनती भौतिक रूप (पेपर बैलेट) में होती है, न कि इलेक्ट्रॉनिक रूप में, जैसा कि झूठी कहानियों के माध्यम से फैलाया जा रहा है। ईटीपीबीएस और ईवीएम काउंटिंग और पोस्टल बैलेट काउंटिंग (ईटीपीबीएस सहित) के लिए हर टेबल पर हर काउंटिंग शीट पर काउंटिंग एजेंटों द्वारा हस्ताक्षर किए जाते हैं।
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रिटर्निंग ऑफिसर ने ईवीएम के बारे में गलत सूचना फैलाने और भारतीय चुनाव प्रणाली में संदेह पैदा करने के लिए 'मिड-डे' अखबार को नोटिस जारी किया है। बता दें कि मुंबई पुलिस ने मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से सांसद रवींद्र वायकर के साले मंगेश पंडिलकर के खिलाफ चुनावी नतीजों के दिन मतगणना केंद्र पर कथित तौर से मोबाइल को इस्तेमाल करने का मामला दर्ज किया है। आरोप है कि मंगेश पंडिलकर 4 जून को पाबंदी के बावजूद एक चुनाव अधिकारी का मोबाइल लेकर गोरेगांव के काउंटिंग सेंटर के अंदर गए थे। पंडिलकर ने कथित तौर पर मुंबई के गोरेगांव इलाके में मतगणना केंद्र के अंदर मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया था।
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पुलिस के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि वायकर के रिश्तेदार मंगेश पांडिलकर पर 4 जून को मतगणना केंद्र पर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने के आरोप में बुधवार को एक मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘मतदान कर्मी दिनेश गुरव की शिकायत पर पांडिलकर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। एक निर्दलीय उम्मीदवार ने मतगणना केंद्र पर मोबाइल फोन पर प्रतिबंध के बावजूद पांडिलकर को मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते देखा और निर्वाचन अधिकारी को इसकी जानकारी दी। निर्वाचन अधिकारी ने वनराई पुलिस से संपर्क किया।" अधिकारी ने बताया कि पांडिलकर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (आधिकारिक आदेश की अवहेलना) के तहत एक मामला दर्ज किया गया है।
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