उत्तरकाशी में सुरंग हादसे में तीसरे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। उत्तरकाशी के यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा टनल हादसे पर पूरे देश की नजर बनी हुई है। टनल में 40 मजदूर फंसे हुए हैं, जिन्हें सकुशल बाहर निकालने के लिए जद्दोजहद लगातार जारी है। तमाम रेस्क्यू टीमें युद्ध स्तर पर काम कर रही हैं। टनल से मजदूरों को रेस्क्यू करने के लिए मौके पर 900 मिमी व्यास वाले ह्यूम पाइप और ड्रिल मशीन पहुंच गई हैं। मजदूरों के लिए ऑक्सीजन का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
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निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भी ह्यूम पाइप का इस्तेमाल किया जा रहा था। लेकिन जिस दिन यह हादसा हुआ, उस दिन टनल के संवेदनशील हिस्से में ह्यूम पाइप नहीं बिछाए गए थे। अगर टनल के अंदर ह्यूम पाइप बिछे होते, तो अब तक पाइपों के जरिए मजदूर बाहर आ चुके होते।
जब मजदूरों को टनल से बाहर निकाला जायेगा, उस समय कोई अनहोनी न हो, इसे देखते हुए सिलक्यारा टनल में भूस्खलन की घटना के बाद यहां स्वास्थ्य विभाग ने छह बेड का अस्थायी अस्पताल तैयार किया है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आरसीएस पंवार ने बताया कि अस्पताल घटनास्थल के समीप ही स्थापित किया गया है, जिसमें ऑक्सीजन सिलेंडर भी लगाए गए हैं। इस अस्पताल में 24 घंटे मेडिकल टीम के साथ 10 एंबुलेंस भी तैनात की गई हैं।
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एनएचआईडीसीएल के महाप्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल का प्रतिनियुक्ति कार्यकाल बीते 6 नवंबर को खत्म हो गया। वह रिलीव होकर सेना में वापस लौट गए हैं। उन्होंने सुरंग में हादसे की सूचना पर दुख जताया है। उन्होंने बताया कि जहां मलबा गिरा है वह सुरंग का संवेदनशील हिस्सा था। हालांकि उन्होंने सभी मजदूरों के सकुशल होने की बात कही है। उन्होंने रेस्क्यू कार्य में डेढ़ से दो दिन लगने के बाद सभी के सकुशल बाहर आने की उम्मीद जताई है।
सुरंग धंसने के कारण टनल में फंसे श्रमिकों से एसडीआरएफ कमान्डेंट मणिकांत मिश्रा ने वॉकी-टॉकी से बात कर उनकी कुशलता ली है। श्रमिकों ने बताया कि, वे सब ठीक हैं और शीघ्र ही निकलना चाहते हैं। मणिकांत मिश्रा ने उनका हौसला बढाते हुए धैर्य और हिम्मत बनाये रखने को कहा है। साथ ही उन्हें जल्द ही सुरक्षित रेस्क्यू किये जाने का भरोसा दिलाया है।
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इसके अलावा कम्प्रेसर के माध्यम से आज उन्हें आवश्यक खाद्य सामग्री (चना, बादाम, बिस्कुट,ओ.आर.एस, ग्लूकोस इत्यादि) और कुछ दवाइयां (सरदर्द, बुखार) भी पहुंचाई गई। कमान्डेंट एसडीआरएफ खुद मौके पर राहत एवं बचाव कार्यो का नेतृव कर रहे हैं।
जिला प्रशासन की ओर से टनल में फंसे 40 मजदूरों का ब्योरा दिया गया है। यह सभी मजदूर देश के अलग-अलग राज्यों के हैं। इनमें सबसे ज्यादा मजदूर झारखंड के बताए जा रहे हैं। दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश के मजदूरों की संख्या है और तीसरे नंबर पर ओडिशा के मजदूर हैं। सबसे ज्यादा झारखंड के मजदूर प्रशासन से जारी सूची के मुताबिक टनल में फंसे चालीस मजदूरों में से झारखंड के 15 मजदूर हैं, जबकि बिहार के 3 मजदूर बताए जा रहे हैं। इनके अलावा बंगाल के 4, उत्तराखंड के 2, हिमाचल का 1, उत्तर प्रदेश के 8, असम के 2, उड़ीसा के 5 मजदूर शामिल हैं।
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आपको बता दें कि रविवार सुबह दीवाली पर करीब 5:30 बजे ये हादसा हुआ। यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सुरंग के सिलक्यारा वाले मुहाने से 230 मीटर अंदर मलबा गिरा। देखते-देखते 30 से 35 मीटर हिस्से में पहले हल्का मलबा गिरा, फिर अचानक भारी मलबा व पत्थर गिरने लगा। जिसके चलते सुरंग के अंदर काम कर रहे 40 मजदूर अंदर ही फंस गए।
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