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हाथरस भगदड़ पर अखिलेश यादव ने कहा- प्रशासनिक चूक से सबक नहीं लिया गया तो भविष्य में होंगी ऐसी दुर्घटनाएं

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘उप्र शासन-प्रशासन ‘हाथरस हादसे’ में अपनी नाकामी छुपाने के लिए छोटी-मोटी गिरफ़्तारियां दिखाकर सैकड़ों लोगों की मौत से अपनी जिम्मेदारी का पल्ला झाड़ना चाहता है।’’

फोटोः IANS
फोटोः IANS 

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि अगर हाथरस में हुई भगदड़ की घटना में प्रशासनिक चूक से सबक नहीं लिया गया तो भविष्य में ऐसी दुर्घटनाएं और होंगी।

यादव ने अरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार भगदड़ की घटना में मामूली गिरफ्तारियां करके अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रही है। इस हादसे में 121 लोगों की जान चली गई थी।

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अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘उप्र शासन-प्रशासन ‘हाथरस हादसे’ में अपनी नाकामी छुपाने के लिए छोटी-मोटी गिरफ़्तारियां दिखाकर सैकड़ों लोगों की मौत से अपनी जिम्मेदारी का पल्ला झाड़ना चाहता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ अगर ऐसा हुआ तो इसका मतलब ये निकलेगा कि इस तरह के आयोजन में हुई शासनिक-प्रशासनिक विफलता से किसी ने कोई सबक़ नहीं लिया और ऐसी दुर्घटनाएं भविष्य में भी होती रहेंगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ शासन-प्रशासन किसी ख़ास मंशा से व्यर्थ में ऐसे लोगों को गिरफ्तार कर रहा है जो मूल आयोजन स्थल से दूर थे और गिरफ्तारी के बाद उनको ही दोषी ठहराये जाने की तैयारी कर रहा है। ये गिरफ्तारियां स्वयं में एक षड्यंत्र हैं। इन गिरफ्तारियों की तुरंत न्यायिक जांच हो, जिससे उप्र की भाजपा सरकार का खेल जनता के सामने लाया जा सके।’’

सपा प्रमुख ने अपने पोस्ट के साथ एक पत्र भी साझा किया, जिसमें मैनपुरी जिले के निवासी अंकित यादव ने लिखा था कि उसके पिता (रामलड़ैते यादव) को भगदड़ की घटना के सिलसिले में गलत तरीके से फंसाया गया है और उसके पिता का इस घटना से कोई संबंध नहीं है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस में हुई भगदड़ की घटना की जांच के लिए उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया, जो इस संभावना की भी जांच कर रहा है कि धार्मिक सभा में मची भगदड़ के पीछे कोई साजिश तो नहीं थी।

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