उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (यूपीएसईबी) ने घोषणा की है कि वह उन स्कूलों की मान्यता रद्द करने की प्रक्रिया शुरू करेगा, जहां परीक्षाओं के दौरान नकल करने वाले पकड़े गए हैं। बोर्ड ऐसे स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाए जाने से स्थायी रूप से प्रतिबंधित भी करेगा। यह कदम परीक्षा में अनुचित साधनों के उपयोग की जांच के लिए बोर्ड द्वारा अपनाई गई शून्य-सहिष्णुता नीति का हिस्सा है।
बोर्ड के अधिकारी अब तक 100 फर्जीवाड़ा करने वालों को गिरफ्तार करने में कामयाब रहे हैं। यूपीएसईबी के सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने कहा कि विभाग के सभी अधिकारियों को इस फैसले से अवगत करा दिया गया है व सभी संवेदनशील परीक्षा केंद्रों पर लगातार नजर रखी जा रही है।
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हाईस्कूल के लिए कुल 31,11,714 और इंटरमीडिएट के लिए 15,84,418 परीक्षार्थी परीक्षा दे रहे हैं। हाईस्कूल विज्ञान की परीक्षा में पहली पाली में 11 प्रॉक्सी परीक्षार्थी पकड़े गए। प्राथमिकी दर्ज कर सभी को जेल भेज दिया गया है।
गिरफ्तार किए गए लोगों में गोरखपुर के तीन, फिरोजाबाद और आगरा के दो-दो और कुशीनगर, मिजार्पुर, मऊ और बलिया के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। सोमवार को पहली पाली में 2,31,242 और दूसरी पाली में 1,21,070 से अधिक परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ी।
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शुक्ला ने कहा, परीक्षा अच्छे माहौल में संपन्न हुई है और सहायक अधिकारियों ने निष्पक्ष तरीके से परीक्षा कराने के लिए बहुत मेहनत की है।
शुक्ला ने कहा, ''सोमवार सुबह तक कई संवेदनशील केंद्रों की जांच की गई और परीक्षा केंद्रों के स्ट्रांगरूम में दो से तीन राउंड तक जांच की गई।''
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