रिजर्व बैंक ने ऐलान किया है कि आरबीआई जल्द ही क्यूआर कोड आधारित क्वाइन वेंडिन मशीन (सिक्के देने वाली मशीन) का एक पाइलट प्रोजेक्ट शुरु करेगी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि इन मशीनों को शुरु करने का मकसद सिक्कों की बाजार में मांग के मुताबिक आपूर्ति करना है। उन्होंने कहा कि इन मशीनों से करेंसी नोट जगह सिक्के मिलेंगे जोकि ग्राहक के खाते से यूपीआई द्वारा डेबिट होंगे। शक्तिकांत दास ने यह ऐलान आरबीआई की मॉनीटरी पॉलिसी की घोषणा के साथ ही किया। इस घोषणा के तहत रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोत्तरी की गई है।
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उन्होंने बताया कि, “भारतीय रिजर्व बैंक 12 शहरों में QR कोड आधारित कॉइन वेंडिंग मशीन (QCVM) पर एक पायलट परियोजना शुरू करेगा। ये वेंडिंग मशीनें बैंक नोटों के बजाए यूपीआई का उपयोग करके ग्राहक के खाते में डेबिट के बदले सिक्के वितरित करेंगी। इससे सिक्कों की उपलब्धता में आसानी होगी। पायलट प्रोजेक्ट से मिले नतीजों के आधार पर बैंकों को इन मशीनों के इस्तेमाल से सिक्कों के वितरण को बढ़ावा देने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
आरबीआई गवर्नर ने यह दावा भी किया कि देश में रिटेल डिजिटल पेमेंट के लिए यूपीआई सबसे लोकप्रिय तरीका बन गया है। उन्होंने कहा कि अब आरबीआई इस बात पर विचार कर रहा है कि किस तरह विदेशों से आने वालेलोगों को भारत में यूपीआई पेमेंट की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
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उन्होंने कहा कि यह सुविधा शुरुआत में जी-20 सम्मेलन के दौरान आने वाले यात्रियों को दी जाएगी और इसे कुछ चुने हुए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर उपलब्ध कराया जाएगा।
क्यूआर कोड बेस्ड क्वाइन वेंडिंग मशीन के बारे में एफआईएस के इंडिया एंड फिलीपींस के बैंकिंग एंड पेमेंट हेड राजश्री रेंगन का कहना है कि आरबीआई का यह एक रणनीतिक कदम है इससे भारतीय पेमेंट लैंडस्केप को काफी फायदा होगा।
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