रिजर्व बैंक ने माना है कि देश की तरक्की की दशा और दिशा दिखाने वाले ग्रोथ के आंकड़े अनुमान से कमजोर हैं। बिजनेस न्यूज चैनल सीएनबीसी-टीवी18 से बातचीत के दौरान रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 5 फीसदी की विकास दर उनके लिए चौंकाने वाली थी। हालांकि उन्होंने कहा कि सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं और इनका असर आने वाले दिनों में देखने को मिल सकता है। लेकिन यह भी कहा कि यह साइक्लिक फेज यानी चक्रीय दौर है, जो एक साल तक रहता है।
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शक्तिकांत दास ने कहा कि रिजर्व बैंक फिलहाल खाद्य महंगाई दर को लेकर चिंतित नहीं है। उन्होंने कहा कि दाल, सब्जियों की कीमत को लेकर भी कोई परेशानी नहीं है, अलबत्ता शहरों में दूध अंडे की कीमतों में तेजी चिंतित करती है। उन्होंने इसे भी एक साल का साइक्लिक फेज बताया।
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उन्होंने कहा कि जीडीपी के आंकड़े अनुमान से भी खराब रहे हैं। 5 फीसदी की विकास दर आना बहुत ज्यादा हैरान करने वाला है। एमपीसी यानी मौद्रिक नीति समिति ने इन आंकड़ों को अर्थव्यवस्था में मंदी माना है। उन्होंने बताया कि ऐसे में विकास में तेज़ी लाना आरबीआई की प्राथमिकता है लेकिन अभी कोई भी आंकड़ा बताना व्यवहारिक नहीं है। आरबीआई गवर्नर ने साथ ही साफ कर दिया कि फिलहाल ब्याज दरों में कटौती के बारे में न सोचा जाए, और सभी लोग विकास दर को बढ़ाने में अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा, “मौद्रिक नीति समिति यानी एमपीसी अकेले सबकुछ नहीं कर सकती। आंकड़े आने के बाद ही ब्याज दरों में कटौती के बारे में कुछ कहा जा सकता है।”
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हाल में सऊदी अरब की तेल उत्पादक कंपनी आरामको पर ड्रोन हमले को लेकर उन्होंने कहा कि, “अरामको पर हमले का असर समझने में अभी वक्त लगेगा। सऊदी तेल फील्ड पर हमले से पूरी दुनिया पर असर होगा।“ उन्होंने बताया कि अरामको का मामला अगर लंबे समय तक होता है तो इसका असर हमारे राजकोषीय घाटे पर कुछ हद तक बढ़ेगा। अरामको पर इस हमले के बाद वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के भाव से लेकर करंसी तक पर भी असर पड़ेगा।“
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