आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो रेट में कटौती करने का फैसला लिया गया है। रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है, जिससे अब रेपो रेट 6.5 फीसदी से घटकर 6.25 फीसदी हो गया है। ऐसा माना जा रहा है कि रेपो रेट में कटौती के बाद लोन सस्ते हो सकते हैं और होम लोन सस्ता हो सकता है। आरबीआई के नए गवर्नर शक्तिकांत दास के कार्यकाल की यह पहली समीक्षा बैठक है। बता दें कि शक्तिकांत दास ने 12 दिसंबर को आरबीआई की कमान संभाली है।
Published: 07 Feb 2019, 1:19 PM IST
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा, “वृद्धि दर के लक्ष्य को 7.4 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। चौथी तिमाही के लिए मुद्रास्फीति के लक्ष्य को घटाकर 2.8 फीसदी किया गया है।”
Published: 07 Feb 2019, 1:19 PM IST
उन्होंने बताया कि आरबीआई को अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकों के लिए एक अम्ब्रेला संगठन का प्रस्ताव मिला है। आरबीआई ने इस पर सकारात्मक फैसला लिया है। अम्ब्रेला संगठन के प्रस्ताव के बारे में फैसला जल्द ही कर लिया जाएगा।
Published: 07 Feb 2019, 1:19 PM IST
आरबीआई ने महंगाई के लिए 4 फीसद का लक्ष्य रखा है। ईंधन की कीमतों में गिरावट से देश की खुदरा महंगाई दर दिसंबर में घटकर 2.19 फीसद हो गई।
Published: 07 Feb 2019, 1:19 PM IST
बता दें कि आरबीआई ने 1 अगस्त 2018 को रेपो रेट में 0.25 फीसदी इजाफा कर 6.50 फीसदी कर दी थी। इससे पहले जून 2018 की समीक्षा बैठक में 6 फीसदी से बढ़ाकर 6.25 फीसदी की गई थी। आरबीआई ने उस समय महंगाई बढ़ने की आशंका की वजह से ब्याज दर में इजाफा किया था।
Published: 07 Feb 2019, 1:19 PM IST
चलिए जानते क्या है रेपो रेट?
रेपो रेट ब्याज की वह दर होती है जिस पर आरबीआई बैकों को फंड उपलब्ध कराता है। यानी बैंक को रोज कामकाज के लिए अक्सर एक बड़ी रकम की जरूरत होती है। इस दौरान बैंक आरबीआई से कर्ज लेने का विकल्प अपनाते हैं और इस कर्ज के लिए बैंकों को ब्याज देना पड़ता है। उसे रेपो रेट कहा जाता है।
रेपो रेट कम या बढ़ने से कैसे पड़ता है आम लोगों पर असर?
रेपो रेट कम होने से बैंकों के लिए रिजर्व बैंक से कर्ज लेना सस्ता हो जाता है और इसके चलते बैंक आम लोगों को दिए जाने वाले कर्ज की ब्याज दरों में भी कमी करेगी। अगर रेपो दर में बढ़ोतरी की जाती है तो इसका सीधा मतलब यह होता है कि बैंकों के लिए रिजर्व बैंक से कर्ज लेना महंगा हो जाएगा। ऐसे में जाहिर है कि बैंक दूसरों को कर्ज देने के लिए जो ब्याज दर तय करेंगे वह भी उन्हें बढ़ाना होगा।
Published: 07 Feb 2019, 1:19 PM IST
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Published: 07 Feb 2019, 1:19 PM IST