भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज तीन दिनों तक चली मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक में लिए गए फैसलों का ऐलान कर दिया है। आरबीआई गर्वनर ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि मीटिंग में रेपो रेट में बदलाव न करने का फैसला किया है।
6 सदस्यों वाली कमेटी ने 5-1 के मत से पॉलिसी रेट को 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने का फैसला लिया है। वहीं, रिजर्व बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बढ़ा दिया गया है।रिजर्व बैंक का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था 7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ सकती है।
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आरबीआई ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट 6.5फीसदी पर बरकरार रखा है। MPC के 6 में से 5 सदस्य इस फैसले के पक्ष में रहे हैं। इसके साथ ही स्थायी जमा सुविधा और सीमांत स्थायी सुविधा दरें भी क्रमशः 6.25 फीसदी और 6.75 फीसदी पर बरकरार रखी गई हैं। RBI withdrawal of accommodation पर कायम है। RBI गर्वनर ने कहा कि नवंबर पीएम आई बढ़ा है। जीएसटी कलेक्शन में भी ग्रोथ देखने को मिली है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने महंगाई के अनुमानिक आंकड़ों को भी जारी किया। उन्होंने बताया कि चालू वर्ष 2023-24 के लिए सीपीआई (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) महंगाई 5.4 फीसदी रह सकती है। अगर बात तीसरी तिमाही की करें तो यह अनुमान 5.6 फीसदी रह सकता है। जबकि चौथी तिमाही में यह महंगाई अनुमान 5.2 फीसदी रह सकती है। अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में महंगाई 5.2 फीसदी रहने का अनुमान है। जबकि दूसरी तिमाही में यह 4 फीसदी और तीसरी तिमाही में 4.7 फीसदी रह सकती है।
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आरबीआई का कहना है कि मैन्युफैक्चरिंग में कैपेसिटी यूटिलाइजेशन बढ़ा है। प्राइवेट कंजम्प्शन लगातार बेहतर हो रहा है। कोर महंगाई घटने के संकेत दिख रहे हैं। FY24 GDP ग्रोथ 7% का अनुमान है। FY24 GDP ग्रोथ अनुमान 6.5% से बढ़ाकर 7% हो सकता है। FY24 रिटेल GDP ग्रोथ 7% का अनुमान है।
शक्तिकांत दास ने कहा कि क्लाउड फैसिलिटी से डाटा सुरक्षा पर फोकस बढ़ाया जाएगा। जरूरी सेवाओं पर UPI पेमेंट लिमिट 5 लाख तक की जा रही है। अस्पताल, एजुकेशन के लिए UPI पेमेंट की लिमिट 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख तक कर दी गई है। आरबीआई ने अप्रैल 2024 तक FINTECH REPOSITORY के गठन का प्रस्ताव रखा है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि घरेलू मांग के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी जारी है। लागत खर्च में कमी से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में मजबूती आई है। सरकारी खर्च से निवेश के रफ्तार में तेजी आई है। एग्रो क्रेडिट में ग्रोथ से रिकवरी बेहतर होने का अनुमान है।
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