पंजाब नेशनल बैंक में 12,700 करोड़ का महाघोटाला होने के बाद नींद से जागते हुए रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों से लेटर ऑफ अंडरस्टैंडिंग यानी एलओयू और लेटर ऑफ क्रेडिट यानी एलओसी जारी करने पर तत्काव प्रभाव से रोक लगा दी है। इन्हीं एलओयू और एलओसी के आधार पर कंपनियों को भारत में सामान आयात करने के लिए कर्ज मिलता था।
गौरतलब है कि नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की कंपनियों ने एलओयू और एलओसी के जरिए ही पंजाब नेशनल बैंक को हजारों करोड़ का चूना लगाया है। इन दोनों के खिलाफ कई एजेंसियां कार्रवाई में जुटी हुई हैं। दोनों ही यह मामला उजागर होने से पहले देश छोड़कर भाग चुके हैं।
आरबीआई ने मंगलवार को एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा कि बैंकों के लिए मौजूदा गाइडलाइन्स यानी नियमों की समीक्षा करने के बाद कारोबार के लिए सामान आयात करने के लिए एलओयू और एलओसी पर रोक लगाने का फैसला किया गया है। लेकिन देश के अंदर ही कारोबार करने के लिए एलओसी और बैंक गारंटी की व्यवस्था पहले जैसी रहेगी।
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ध्यान रहे कि 14 फरवरी को पंजाब नेशनल बैंक ने सेबी और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को 11,421 करोड़ रुपए के घोटाले की जानकारी दी थी। घोटाला पीएनबी की मुंबई स्थित ब्रेडी हाउस ब्रांच में हुआ। आगे की जांच में यह घोटाला करीब 12,700 करोड़ का निकला। इस घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी हैं। पीएनबी के मुताबिक इस घोटाले में नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की तीन डायमंड कंपनियों डायमंड आर यूएस, सोलर एक्सपोर्ट्स और स्टेलर डायमंड्स शामिल हैं। इन कंपनियों ने जब 16 जनवरी को विदेशी सप्लायरों को पेमेंट देने के लिए शॉर्ट टर्म क्रेडिट मांगा तो बैंक को इस घोटाले का पता चला। जो जानकारी सामने आई उसके मुताबिक बैंक ने कोड बेस्ड स्विफ्ट सिस्टम के जरिए एलओयू जारी किए थे। इसी आधार पर कंपनियां कर्ज लेती रहीं। पीएनबी के कुछ लोगों ने फर्जी तरीके से यह लेटर ऑफ अंडरटेकिंग दिया।
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