आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। आचार्य ने अपने निर्धारित कार्यकाल से 6 महीने पहले इस्तीफा देकर आरबीआई को बड़ा झटका दिया है। उन्हें 3 साल के कार्यकाल के लिए 23 जनवरी 2017 को आरबीआई के डिप्टी गवर्नर के पद पर नियुक्त किया गया था।
Published: 24 Jun 2019, 9:30 AM IST
खबरों के मुताबिक, बीते कुछ महीनों से विरल आचार्य आरबीआई के नए गवर्नर शक्तिकांत दास के फैसलों से सहमत नहीं थे। खबरों के अनुसार, पिछली दो मॉनीटरिंग पॉलिसी की बैठक में महंगाई दर और ग्रोथ रेट के मुद्दों पर विरल आचार्य के विचार गर्वनर से अलग थे। खबरों की मानें तो हाल ही की मॉनीटरिंग पॉलिसी बैठक के दौरान राजकोषीय घाटे को लेकर भी विरल आचार्य ने गवर्नर शक्तिकांत दास के विचारों पर असहमति जताई थी
Published: 24 Jun 2019, 9:30 AM IST
करीब 7 महीने के भीतर यह दूसरी बार है जब आरबीआई के किसी उच्च अधिकारी ने कार्यकाल पूरा होने से पहले इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने दिसंबर के महीने में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे के पीछे उर्जित पटेल ने निजी कारणों का हवाला दिया था। वायरल आचार्य आरीबीआई के उन अधिकारियों में से थे, जिन्हें उर्जित पटेल की टीम का हिस्सा माना जाता था।
Published: 24 Jun 2019, 9:30 AM IST
न्यूयार्क विश्वविद्यालय के वित्त विभाग में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर विरल आचार्य वित्तीय क्षेत्र में प्रणालीगत जोखिम क्षेत्र में विश्लेषण और शोध के लिए जाने जाते हैं। आईआईटी मुंबई से आचार्य ने साल 1995 में कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में स्नातक किया था। इसके बाद उन्होंने न्यूयार्क विश्वविद्यालय से साल 2001 में वित्त में पीएचडी की थी। 2001 से 2008 तक आचार्य लंदन बिजनेस स्कूल में रहे।
Published: 24 Jun 2019, 9:30 AM IST
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Published: 24 Jun 2019, 9:30 AM IST