अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का फैसला आए करीब नौ महीने बीत गए हैं। वहीं आज यहां श्रीराम मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम भी है। इसे लेकर बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद अब 9 माह बीत गए हैं अब मंदिर-मस्जिद का कोई विवाद नहीं बचा है। इकबाल अंसारी आज भूमिपूजन की तैयारियों में लगे हुए हैं।
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उन्होंने कहा कि 9 नवम्बर 2019 से सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद अब मंदिर और मस्जिद का कोई विवाद बचा नहीं है। जिसे जो कहना वो कहता रहे। उन्होंने कहा कि उनको आमंत्रण मिला है अब वह जाएंगे। इसी तैयारी में लगे हुए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को भेंट करने के लिए रामचरित मानस और रामनामी विशेष गमछा मंगाया है।
इकबाल अंसारी ने कहा, “फैसला आने के बाद अब आपसी विवाद खत्म हो गया है। अगर हम लड़ते रहे तो कभी चीन आंख दिखाएगा, कभी नेपाल घूरता है, तो कभी पाकिस्तान सीमा विवाद में उलझता है।”
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उनका कहना है कि अयोध्या में वह हिंदू-मुस्लिम विवाद देखना नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा “भगवान राम का सम्मान हर धर्म में है। हमारे मजहब में सभी देवी देवताओं का सम्मान है। अयोध्या में सारे धर्म-जाति के लोग सदियों से साथ रह रहे हैं। जाति धर्म का भेद तो नेता करवाते हैं। चुनाव के दौरान वह गिनती करते हैं। धर्म और मजहब की राजनीति लोगों को पीछे धकेलने का काम करती है। वर्तमान में महामारी का दौर चल रहा है, ऐसे में सबको को मिलकर रहना होगा। कोरोना में सच्चा ईमान वाला ही बचेगा।”
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इकबाल अंसारी ने कहा कि मेरे मंदिर जाने पर प्रश्न उठाने वालों को अपने गिरेबां में झांकने की जरूरत है। ओवैसी के ऊपर कोई भी टिप्पणी करने से साफ इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमारा बुलावा है हम जा रहे हैं। मंदिर बनने से अयोध्या का विकास होगा। लोगों के लिए रोजी-रोजगार की संभावना बढ़ेगी।
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