काशी में 1543 से अनवरत चल रही लाट भैरव रामलीला समिति के पात्र बीमार पड़ गए हैं। शनिवार को जहां गंदे तालाब की वजह से राम, लक्ष्मण और सीता देव स्वरूपों की तबियत बिगड़ गयी थी, वहीं रविवार को इसी लीला स्थल पर जब भरत और शत्रुघ्न पहुंचे तो उनकी भी तबियत बिगड़ गयी, जिसके बाद उनका इलाज कराना पड़ा। इसके बाद लीला समिति के लोगों का प्रशासन पर गुस्सा फूट पड़ा।
गौरतलब है कि शनिवार को धनेसरा तालाब पर गंदगी के चलते लीला के दौरान अचानक श्रीराम का पात्र कर रहे कलाकार को चक्कर आ गया और उल्टियां होने लगीं। इसके थोड़ी देर बाद ही लक्ष्मण की हालत भी वैसी ही हुई। इसके चलते करीब तीन घण्टे तक लीला रोकी गयी थी। लीला समिति ने प्रशासन से शिकायत की और साफ-सफाई का आश्वासन मिलने के बाद इसे शुरु कराया था। लेकिन रविवार को जब लीला शुरु हुई तो कोई साफ-सफाई नहीं थी, जिसके चलते भरत और शत्रुघ्न की भी हालत बिगड़ गई। इसके बाद रामलीला के सभी पात्रों ने धरना दिया।
Published: undefined
आदि रामलीला समिति लाट भैरव के अध्यक्ष डॉ रामावतार पांडेय ने एक न्यूज वेबसाइट से बातचीत में बताया कि गोस्वामी तुलसीदास के समकालीन मेंगध भगत द्वारा 1543 में यह रामलीला शुरू की गयी। इसकी दो प्रसिद्द लीला राम गंधैल, जिसमें चित्रकूट जाते समय केवट राम जी के पैर धुलाता है और दूसरे दिन भरत गंधैल, जिसमें भरत श्री राम के पीछे जाते हैं, उस समय उन्हें केवट नदी पार करता है।
Published: undefined
ये दोनों लीलाएं धनेसरा तालाब पर होती आयी है। पिछले 6 महीने से शासन-प्रशासन से इसे साफ़ करने के लिए कहा जा रहा था लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। शनिवार को राम गंधैल के समय रामलीला के सभी पात्रों की तबीयत बिगड़ी तो लोगों को गुस्सा आ गया। गुस्साए लोगों ने प्रदर्शन भी किया। इसके बाद मौके पर पहुंचे अपर नगर आयुक्त ने उस समय थोड़ी सफाई करवा लीला संपन्न करवाई और अगले दिन तक सफाई का आश्वासन दिया।
लीला समिति के अध्यक्ष डॉ राम अवतार पांडेय बताते हैं कि अपर नगर आयुक्त ने सिर्फ आश्वासन दिया क्योंकि जब अगले दिन जब भरत गंधैल के मंचन के लिए वे तालाब पर पहुंचे तो गंदगी पहले जैसी ही थी। फिर भी किसी तरह लीला कराने का फैसला लिया गया, लेकिन मंचन के दौरान ही देव स्वरूपों की तबियत खराब हो गयी।
Published: undefined
Published: undefined
उधर बनारस के चोलापुर क्षेत्र के ताड़ी गांव में पंचायत भवन पर राम. लक्ष्मण, हनुमान और वानर सेना धरने पर बैठ गई। हुआ यह कि जिस जगह ये लोग रामलीला करते थे उस जमीन पर किसी ने कब्जा कर लिया। इसके बाद सोमवार को रामलीला के पात्र राम, लक्ष्मण, हनुमान और उनकी वानर सेना धरने पर बैठ गए।
रामलीला समिति के अध्यक्ष डॉ. सुभाष पटेल ने बताया की रामलीला समिति ताड़ी की पांच बीघा जमीन है। जिसमें पंचायत भवन, रामलीला मैदान, हनुमान मंदिर, मेला स्थल, बारात स्थल है। इस जमीन को कुछ लोग कब्जाने की फिराक में हैं। जिसकी सूचना पुलिस को भी दी गई लेकिन इसके बावजूद जमीन पर कब्जा कर उसे जुतवा दिया गया।
गांव के प्रधान रविंद्र कुमार सिंह ने बताया की जमीन को नापी करा कर ही जोतना चाहिए था। जोताई करा देने से गांव में तनाव है।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined