विवादित कृषि कानूनोंं के खिलाफ किसानों के आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इन कानूनों की वकालत करते हुए मध्य प्रदेश के किसानों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। इस दौरान पीएम ने स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करने का दावा करते हुए कहा कि हमने किसानों को लागत का डेढ़ गुना एमएसपी दिया। साथ ही उन्होंने गन्ना किसानों को मदद दिए जाने का भी दावा किया।
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पीएम के इन दावों को किसान नेता राकेश टिकैत ने सरासर झूठ करार दिया है। टिकैत ने पीएम मोदी के दावों को गलत बताते हुए कहा कि किसानों से चर्चा की बात गलत है। उन्होंने ये भी कहा कि स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने का दावा भी सरासर झूठ है। टिकैत ने कहा कि स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट विस्तृत है। बीजेपी ने इस पर चालाकी दिखाते हुए कमेटी के फार्मूले को बदलकर किसानों का हक मारा है।
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भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने पीएम मोदी के संबोधन के फौरन बाद इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पीएम के संबोधन में सबसे बड़ा झूठ ये है कि गन्ना किसानों को 16 करोड़ की मदद की जा रही है। यह मदद नहीं शुगर मिल पर किसानों का बकाया है, जिसका भुगतान शुगर मिल को करना था। अगर सरकार वह बकाया दे रही है तो वह किसानों को नहीं, बल्कि शुगर मिलों को मदद कर रही है।
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राकेश टिकैत ने पीएम की अधिकतर बातों को झूठ बताते हुए कहा कि सरकार कृषि क्षेत्र का भी निजीकरण करना चाहती है। टिकैत ने कहा कि मोदी जी भंडारण के लिए ढांचे की बात कर रहे हैं। लेकिन कॉरपोरेट से अपील कर रहे हैं, जिसका मतलब है कि मोदी जी किसानों को नहीं एग्री बिजनेस को बढ़ावा दे रहे हैं और खेती में निजीकरण को बढ़ावा दे रहे हैं। टिकैत ने कहा कि नवरत्न कंपिनयों के निजिकरण के बाद मोदी सरकार की निगाह अब खेती के निजीकरण पर है। टिकैत ने कहा कि हमें 500 रुपये महीना की भीख नहीं, बल्कि समर्थन मूल्य का हक चाहिए और वह हम लेकर रहेंगे।
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