दिल्ली में नए संसद भवन के बाहर प्रदर्शनकारी पहलवानों के समर्थन में महिला महापंचायत में शामिल होने आ रहे किसानों को आज पुलिस ने गाजियाबाद-दिल्ली बार्डर पर ही जबरन रोक दिया। इससे नाराज किसानों की पुलिस से झड़प भी हो गई। किसान दिल्ली में जंतर मंतर पर बैठे पहलवानों के समर्थन में पंचायत में शामिल होने जा रहे थे।
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पुलिस के रोके जाने से नाराज किसान वहीं धरने पर बैठ गए और हंगामा करने लगे। पुलिस ने किसी तरह से स्थिति को संभाला। इसी बीच बार्डर पर पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी किसानों के समर्थन में धरने पर बैठ गए और ऐलान किया कि जब तक दिल्ली में गिरफ्तार पहलवान रिहा नहीं किए जाते, तब तक किसान गाजीपुर बॉर्डर से नहीं उठेंगे।
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राकेश टिकैत ने कहा, हमें जगह-जगह रास्ते में रोकने की कोशिश हुई। पुलिस और सरकार हिटलर शाही का काम कर रही है। जगह-जगह गाड़ियां तैनात कर रखी हैं। कई जगह किसानों को हाउस अरेस्ट किया गया है। अगर आज से पहले किसी मुकदमे में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई हो, तो पुलिस लिखकर दे दे तो हम आगे नहीं बढ़ेंगे। अगर ऐसा नहीं है तो ब्रजभूषण शरण सिंह को भी गिरफ्तार किया जाए।
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राकेश टिकैत ने कहा कि राष्ट्रपति का पद सर्वोच्च होता है। संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति को करना चाहिए था। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा। राकेश टिकैत ने कहा, हमारा आंदोलन सफल हुआ। क्योंकि किसानों को घरों के अंदर ही हाउस अरेस्ट कर लिया गया। किसानों की सिर्फ एक टुकड़ी ही गाजीपुर बॉर्डर तक पहुंच पाई है।
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