राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने 12 सांसदों के निलंबन को रद्द करने के अनुरोध को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि सभापति को कार्रवाई करने का अधिकार है और सदन भी कार्रवाई कर सकता है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले मानसून सत्र का कड़वा अनुभव आज भी हममें से अधिकांश लोगों को परेशान करता है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “जिन 12 सदस्यों को निलंबित किया गया उन्हें वापस लेने के लिए आज हम अध्यक्ष महोदय से मिले और उनसे आग्रह किया गया। पिछले सत्र में जो घटना हुई थी फिर उसे उठाकर फिर से सदस्यों को निलंबित करना गैरक़ानूनी है और नियमों के खिलाफ है।”
Published: 30 Nov 2021, 12:09 PM IST
उधर, 12 सांसदों के निलंबन का असर संसद के दोनों सदनों में देखा गया। सभापति एम वेंकैया नायडू द्वारा 12 सांसदों के निलंबन रद्द करने की अपील खारिज किए जाने के बाद विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा और लोगसभा से वॉकआउट किया।
कांग्रेस नेता अधीरंजन चौधरी ने कहा, “हमने राज्यसभा के उन 12 विपक्षी सदस्यों का समर्थन करने के लिए लोकसभा से वॉकआउट किया है, जिन्हें निलंबित कर दिया गया है। मौजूदा शीतकालीन सत्र से निलंबन की कार्रवाई 'पूर्वव्यापी प्रभाव' की ओर इशारा करती है। माफी क्यों जारी की जानी चाहिए?”
Published: 30 Nov 2021, 12:09 PM IST
अधीरंजन चौधरी ने कहा, “रेट्रोस्पेक्टिव इफेक्ट चल रहा है। सरकार का ये नया तरीका है। हमें डराने का, धमकाने का, हमें जो अपनी बात रखने का अवसर मिलता है उसे छीनने का नया तरीका है। यहां पर जमींदारी या राजा नहीं है कि हम बात-बात पर इनके पैर पकड़ें और माफी मांगें। यह जबरदस्ती क्यों माफी मंगवाना चाहते हैं। इसे हम बहुमत की बाहुबली कह सकते हैं। यह लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं।”
12 विपक्षी सांसदों का निलंबन रद्द करने की मांग को लेकर विपक्षी नेताओं ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन भी किया।
Published: 30 Nov 2021, 12:09 PM IST
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Published: 30 Nov 2021, 12:09 PM IST