राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के एक फैसले पर विवाद शुरू हो गया है। जगदीप धनखड़ पर आरोप लगा है कि उन्होंने संसदीय समितियों में अपने निजी स्टाफ की नियुक्ति की है। ये सभी समितियां राज्यसभा के तहत आती हैं। इन समितियों में कई कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है।
दरअसल, धनखड़ ने मंगलवार को अपने निजी कर्मचारी के 8 सदस्यों को उच्च सदन सचिवालय के दायरे में आने वाली 20 समितियों में नियुक्त किया। राज्यसभा सचिवालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार 20 समितियों में धनखड़ के निजी कर्मचारी के 8 सदस्यों को नियुक्त किया गया है। इनमें उपराष्ट्रपति सचिवालय में तैनात 4 कर्मचारी शामिल हैं। राज्यसभा सचिवालय के अधिकारी आमतौर पर संसदीय समितियों की सहायता करते हैं और समिति सचिवालयों का हिस्सा भी बनते हैं। इसमें ऐसी बैठकें भी शामिल होती हैं जो काफी गोपनीय होती हैं। इस फैसले को राज्यसभा के एक सांसद ने विचित्र बताया है।
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विपक्ष ने इसे एक "विचित्र कदम" करार दिया है। विपक्ष ने कहा कि इस कदम की कोई दूसरी मिसाल नहीं है। विपक्ष के नेताओं ने कहा कि राज्यसभा के सभापति अपने निजी स्टाफ से इन अधिकारियों की नियुक्ति कर विभिन्न समितियों पर पैनी नजर रखने की कोशिश कर रहे हैं।
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कांग्रेस के लोकसभा सांसद मनीष तिवारी ने इस फैसले पर ट्वीट किया कि ‘उपराष्ट्रपति राज्य परिषद के पदेन अध्यक्ष हैं। वह वाइस चेयरपर्सन या वाइस चेयरपर्सन के पैनल की तरह सदन के सदस्य नहीं हैं। वह संसदीय स्थायी समितियों में व्यक्तिगत कर्मचारियों की नियुक्ति कैसे कर सकता है?
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राज्यसभा के सभापति के ओएसडी राजेश एन नायक को बिजनेस एडवाइजरी कमेटी, जनरल परपज कमेटी और गृह मंत्रालय से जुड़ी समिति के साथ और उपराष्ट्रपति के निजी सचिव सुजीत कुमार को राज्य सभा में सूचना और संचार तकनीक प्रबंधन की समिति, वाणिज्य समिति और विज्ञान और तकनीक, पर्यावरण वन एवं मौसम परिवर्तन मंत्रालय की समिति से जोड़ा गया है।
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वहीं, सभापति के ओएसडी अखिल चौधरी को ऐथिक्स, पेपर्स लेड ऑन टेबल और उद्योग मंत्रालय की समिति से, उपराष्ट्रपति के एपीएस संजय वर्मा को गवर्नमेंट एश्योरेंस से, उपराष्ट्रपति के ओएसडी अभ्युदय सिंह शेखावत को हाउस कमेटी, पिटिशन कमेटी और स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण मंत्रालय की समिति से, सभापति के ओएसडी कौस्तुभ सुधाकर भालेकर को रूल्स कमेटी और यातायात, पर्यटन तथा संस्कृति मंत्रालय की समिति से जोड़ा गया और सभापति की निजी सचिव अदिति चौधरी को सबआर्डिनेट लेजीस्लेशन कमेटी के साथ जोड़ा गया है।
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