राजस्थान में सरकार बनते ही राज्य की नई बीजेपी सरकार ने एक बार फिर युवाओं को झटका दिया है। बीजेपी द्वारा पिछले कांग्रेस राज के फैसलों को बदलने का सिलसिला जारी है। जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। दरअसल गहलोत सरकार का एक और बड़ा फैसला बदलते हुए सरकार ने 50 हजार पदों पर होने वाली महात्मा गांधी सेवा प्रेरकों की भर्ती को रद्द कर दिया है।
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कांग्रेस राज में 2023-24 के बजट में तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत ने 50 हजार पदों पर महात्मा गांधी सेवा प्रेरकों की भर्ती करने की घोषणा की थी। इस बजट घोषणा के आधार पर शांति और अहिंसा विभाग ने 13 अगस्त 2023 को संविदा आधार पर एक साल के लिए भर्ती करने के लिए विज्ञप्ति जारी की थी। प्रेरकों को हर महीने 4500 रुपये का स्टाइपेंड दिया जाना था। लेकिन बीजेपी सरकार ने इसे रद्द कर दिया है।
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महात्मा गांधी प्रेरकों की भर्ती रद्द करने के फैसले पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, ''राजीव गांधी युवा मित्रों को हटाने के बाद बीजेपी सरकार द्वारा 50 हजार महात्मा गांधी सेवा प्रेरकों की भर्ती प्रक्रिया रद्द करना युवाओं के भविष्य पर कुठाराघात है। सेवा प्रेरक का काम अंहिसा, प्रेम और गांधी दर्शन का प्रचार-प्रसार करना था लेकिन जिन्हें गोडसे में विश्वास हो वो गांधी जी के विचारों को कैसे बढ़ा पाते? इसीलिए इन्होंने ये क़दम उठाया है।''
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गौरतलब है कि इससे पहले बीजेपी सरकार 'राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप कार्यक्रम' को बंद कर चुकी है। राज्य सरकार की ओर जारी आदेश के मुताबिक, 31 दिसंबर 2023 के बाद से यह योजना पूरी तरह से बंद कर दी जाएगी। गहलोत सरकार ने इस योजना को शुरू किया था। इस योजना के बंद करने से हजारों युवा प्रभावित होने वाले हैं।
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