हालात

राजस्थान: जयपुर में जीका वायरस का कहर, अब तक 50 लोग आए चपेट में, पड़ोसी राज्य हाई अलर्ट पर 

राजस्थान में जीका वायरस के बढ़ रहे खतरे के बीच पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में जीका वायरस को लेकर हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है।<b> </b>जयपुर में जीका वायरस से संक्रमण के 10 नए मामले सामने आने के बाद इससे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 50 हो गई है।

फोटो: सोशल मीडिया&nbsp;
फोटो: सोशल मीडिया  राजस्थान के जयपुर में जीका वायरस का कहर, अब तक 50 लोग आए चपेट में

राजस्थान के जयपुर में पिछले कुछ दिनों से जीका वायरस का कहर जारी है। जिले में लगभग 50 लोगों के टेस्ट पॉजिटिव पाया गया है। जिसके बाद आसपास इलाके में जीका वायरस को लेकर लोगों में दहशत है। जयपुर में जीका वायरस का पहला मामला 22 सितंबर को आया था।

Published: 13 Oct 2018, 4:18 PM IST

राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव (मेडिकल एवं स्वास्थय) वीणु गुप्ता ने शुक्रवार को समीक्षा बैठक के बाद 50 लोगों को जीका वायरस से ग्रसित होने की बात कही। उन्होंने बताया कि जीका वायरस के सबसे प्रभावित क्षेत्र शास्त्री नगर के लिए खास दिशा निर्देश जारी किए हैं। जीका वायरस को लेकर शास्त्री नगर और सिंधी कैंप जैसे इलाकों में स्वास्थ्य विभाग और केंद्र से आई टीमें लगातार अभियान चला रही हैं।

जयपुर में निगरानी टीमों की संख्या 50 से बढ़ाकर 170 कर दी गई है और हीरा बाग इलाज केंद्र में एक विशेष वॉर्ड बनाया गया है जहां जीका वायरस से प्रभावित मरीजों को अलग रखकर इलाज किया जा सके।

राजस्थान में जीका वायरस के बढ़ रहे खतरे के बीच पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में जीका वायरस को लेकर हाईअलर्ट घोषित कर दिया गया है।

Published: 13 Oct 2018, 4:18 PM IST

बता दें कि जीका वायरस अब तक 85 देशों को अपनी चपेट में ले चुका है। साल 2013 के बाद और विशेषकर 2015 में इसके कई मामले सामने आए और ब्राजील की एक बड़ी आबादी इसकी चपेट में आई थी। वहीं भारत में साल 2017 में गुजरात में जीका के पाये जाने की रिपोर्ट थी। जिसमें अहमदाबाद के तीन लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद तमिलनाडु में भी जीका संक्रमण का एक मामला सामने आया था। अब जयपुर इसकी चपेट में हैं।

एडिज एजेप्टी मच्छर के जरिए फैलने वाले जीका वायरस की चपेट में आने पर व्यक्ति को बुखार होता है, त्वचा पर दाग हो जाते हैं, कंजक्टिवाइटिस यानी आंखों में संक्रमण हो जाता है, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होता है। गर्भवती महिलाओं के लिए यह काफी नुकसानदेह माना जाता है, क्योंकि इससे ‘माइक्रोसिफेली’ होने का खतरा होता है, जिसमें नवजात शिशु का सिर अपेक्षा से बहुत छोटा होता है।

Published: 13 Oct 2018, 4:18 PM IST

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: 13 Oct 2018, 4:18 PM IST