अगामी चुनावी को देखते हुए राजस्थान सरकार मतदाताओं को लुभाने के लिए एक के बाद एक नए फैसले ले रही है। अब राजस्थान सरकार के एक फैसले को लेकर बवाल मच गया। राजस्थान के सरकारी स्कूलों में सह-शैक्षिक गतिविधियों के तहत हर तीसरे शनिवार को संत महात्माओं के प्रवचन आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। जबकि स्कूलों में पहले शनिवार को महापुरुषों का जीवन परिचय और दूसरे शनिवार को प्रेरणादायी कहानियां सुनाया जाएगा। इस सह-शैक्षिक गतिविधि का आयोजन राज्य के सभी सरकारी, गैर सरकारी, सीबीएसई एफ्लीएटेड स्कूल और आवासीय स्कूलों में अनिवार्य होगा।
राजस्थान के शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी के मुताबिक यह पहल बच्चों में नैतिक मूल्यों को लाने में मदद करेगी। इसी को ध्यान में रखते हुए इसकी शुरुआत की गई है। विपक्ष ने इस फैसले को लेकर राजस्थान सरकार पर हमला बोला। विपक्ष का आरोप है कि शिक्षा मंत्री शुरू से ही भगवा एजेंडे पर काम करते रहे हैं ऐसे में इस तरह के संस्कार क्लास की आड़ में वे शिक्षा के भगवाकरण करने की कोशिश कर रहे हैं।
Published: 13 Jun 2018, 11:14 AM IST
सरकार की इस योजना पर राजस्थान शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री उपेंद्र शर्मा ने कहा है कि राज्य सरकार स्कूलों को प्रयोगशाला बना रही है। शिक्षा का भगवाकरण करने की कोशिश की जा रही है। यह पूरी तरह गलत है। ऐसा किया गया तो आने वाले समय में इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे।
इससे पहले भी शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी अपने फैसलों के लेकर विवादों में रह चुके हैं। राजस्थान के सरकारी स्कूलों में कभी सिलेबस से अकबर और नेहरू को हटाने के लेकर तो कभी माता-पिता दिवस के रूप में वैलेंटाइन डे को मनाने को लेकर बवाल मच चुका है। इसके अलावा साइकिल के रंग से लेकर ड्रेस तक को भगवा करने के लिए राज्य के शिक्षा मंत्री विवादों रह चुके हैं।
Published: 13 Jun 2018, 11:14 AM IST
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Published: 13 Jun 2018, 11:14 AM IST