कोरोना महामारी के बीच अभिभावकों को राहत देते हुए राजस्थान सरकार ने सीबीएसई से संबद्ध निजी स्कूलों को कक्षा 9 से 12 के ट्यूशन फीस में 30 प्रतिशत और राज्य बोर्ड से जुड़े स्कूलों को समान कक्षा के लिए 40 प्रतिशत तक फीस कटौती करने का निर्देश दिया है। सरकार के इस फैसले से कोरोना काल से प्रभावित राज्य के अभिभावकों को बड़ी राहत मिलेगी।
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सरकार की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि चूंकि सीबीएसई ने स्कूल के कक्षा 9 से 12 तक के सिलेबस को 30 फीसद घटा दिया है, इसलिए उनके स्कूल की ट्यूशन फीस में 30 फीसदी की कमी की जानी चाहिए। वहीं राजस्थान बोर्ड ने पाठ्यक्रम में 40 प्रतिशत की कमी की है, इसलिए उन्हें शुल्क में 40 प्रतिशत की कमी करनी चाहिए।
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शिक्षा विभाग ने बुधवार को यह आदेश जारी कर दिया। विभाग ने 2 नवंबर से स्कूलों को फिर से खोलने पर सुझाव देने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को एसओपी दिशानिर्देशों के साथ एक रिपोर्ट भी सौंपी है। हालांकि, अभी कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के लिए कोई समान निर्णय नहीं लिया गया है, वहीं उन्हें अभी तक स्कूल आने के लिए नहीं कहा गया है। इसलिए, अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। उनकी स्कूल फीस पर फैसला स्कूलों के खुलने के बाद लिया जाएगा।
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इसी बीच हाईकोर्ट के स्कूल ट्यूशन फीस में 30 फीसदी कटौती के फैसले के खिलाफ याचिका दायर करने वाले प्रोग्रेसिव एसोसिएशन स्कूल ऑफ राजस्थान ने कहा, "यह फैसला सही नहीं है। यह भेदभावपूर्ण है। अगर इसे लागू किया जाता है, तो हम इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। अगर फीस में 30 और 40 प्रतिशत की कटौती की जाती है तो हम स्कूल शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन कैसे दे पाएंगे?"
बता दें कि राज्य में पिछले आठ महीनों से स्कूल बंद होने के कारण फीस के मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक समिति का गठन किया गया था। गौरतलब है कि राज्य में विद्यार्थियों के माता-पिता 'नो स्कूल, नो फी' की मांग करते हुए अभियान चला रहे हैं।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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