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अलवर मॉब लिंचिंग: तो ये हैं वो सबूत जिनके सामने नहीं आने से बच गए थे पहलू के गुनहगार? SIT जांच से बड़ा खुलासा!

एसआईटी ने अपनी जांच में माना कि पहलू खान की पिटाई के दो वीडियो सामने आए थे। एसआईटी ने जांच में पाया कि जिस मोबाइल से घटना का वीडियो बनाया गया था, उसे पुलिस ने जब्त तो किया, लेकिन सरकारी वकील ने सबूत के तौर पर उस मोबाइल को ही कोर्ट में नहीं मंगवाया।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

अलवर के पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले में सभी आरोपियों के बरी होने के बाद दोबारा इस मामले की जांच कर रही एसआईटी ने जांच रिपोर्ट तैयार कर ली है। बताया जा रहा है कि सोमवार शाम को एसआईटी की टीम अधिकारियों को पुलिस मुख्यालय में जांच रिपोर्ट सौंपेगी। खबरों के मुताबिक, जांच में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं।

Published: 02 Sep 2019, 1:59 PM IST

जांच में चौंकाने वाले तथ्य आए सामने:

अमर उजाला वेबसाइट पर छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, एसआईटी की टीम ने यह माना है कि जिस मोबाइल से भीड़ की हिंसा का वीडियो बनाया गया था, उसे पुलिस ने सबूत के तौर पर जब्त तो किया था, लेकिन उसे सरकारी वकील ने सबूत के तौर पर अदालत में पेश नहीं किया।

रिपोर्ट के मुताबिक, एसआईटी ने अपनी जांच में माना है कि पहलू खान की पिटाई के दो वीडियो सामने आए थे। इनमें एक वीडियो सबसे ज्यादा वायरल हुआ था। एसआईटी ने जांच में पाया कि जिस मोबाइल से वीडियो बनाया गया था, उसे पुलिस ने जब्त कर लिया था, लेकिन सरकारी वकील ने सबूत के तौर पर उस मोबाइल को ही नहीं मंगवाया। जब्त किया गया मोबाइल एसआईटी को मालखाने से बरामद किया गया था।

Published: 02 Sep 2019, 1:59 PM IST

एसआईटी ने अनपी जांच में यह भी पाया कि जांच अधिकारी ने वीडियो के फोटो बनाकर चार्जशीट में सबूत के तौर पर लगाए। हैरानी की बात यह है कि इन फोटो के बारे में एफएसएल से सर्टिफिकेट शामिल ही नहीं किया गया। रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि 1 अप्रैल को शाम करीब 7 बजे पहलू खान से मारपीट हुई थी। इसके बाद उन्हें 7:50 बजे अस्पताल ले जाया गया था। पुलिस ने 11:50 बजे पहलू खान का बयान दर्ज किया था।

रिपोर्ट के अनुसार, पहलू खान ने अपने बयान में कुछ लोगों के नाम बताए थे। उनके बयान के आधार पर पुलिस ने 3 घंटे बाद केस दर्ज किया था। कोर्ट में एएम और पीएम को लेकर गलतफहमी हुई थी। एपीपी मामले को साफ नहीं कर पाए थे। जांच अधिकारी ने दर्ज बयान के मुताबिक, नामजद आरोपियों को लेकर क्या जांच की, इसे लेकर कोर्ट में सबूत पेश नहीं किए गए। यही नहीं एफआईआर में नामजद आरोपियों की जगह पर दूसरे लोगों को आरोपी बनाया गया।

Published: 02 Sep 2019, 1:59 PM IST

ये था पूरा मामला:

हरियाणा के नूंह के रहने वाले पहलू खान अपने बेटों के साथ 1 अप्रैल, 2017 को जयपुर से गाय और अन्य पशुओं को खरीद कर अपने घर ले जा रहे थे। इस दौरान एनएच- 8 पर अलवर के बहरोड़ में कुछ लोगों ने पहलू खान की गाड़ी को रोक लिया और गोस्तकरी का आरोप लगाते हुए उनकी पिटाई शुरू कर दी। हमले में घायल पहलू खान को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान 4 अप्रैल को उनकी मौत हो गई थी।

इस मामले के सभी आरोपियों को सबूत नहीं होने के बिना पर एडीजे अदालत ने अभी कुछ दिन पहले ही बरी कर दिया था। इसके बाद जांच पर सवाल खड़े किए किए गए थे। इस मामले में राजस्थान की गहलोत सरकार ने दोबारा जांच के आदेश दिए थे।

Published: 02 Sep 2019, 1:59 PM IST

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Published: 02 Sep 2019, 1:59 PM IST

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