पहाड़ों में मॉनसून अंतिम चरण में है, लेकिन अंतिम चरण में मॉनसून आफत बनकर बरस रहा है। जगह-जगह बादल फटने के कारण भारी नुकसान हो रहा है। रुद्रप्रयाग के दूरस्थ क्षेत्र जखोली के घरड़ा गांव में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। यहां बहने वाली हिलाउं नदी उफान पर आ गई है। हिलाउं नदी के उफान पर आने से त्यूंखर गांव में ग्रामीणों की हजारों हेक्टेयर भूमि तबाह हो गई है। लगातार हो रही बारिश के कारण ग्रामीण भयभीत हैं। पहाड़ों में अभी भी बारिश लगातार जारी है।
पहाड़ों में मॉनसून की बारिश आफत बनकर बरस रही है। रुद्रप्रयाग जनपद के त्यूंखर और घरड़ा गांव में भारी बारिश से काफी नुकसान हुआ है। घरड़ा गांव में बादल फटने के कारण जहां ग्रामीणों की हजारों हेक्टेयर भूमि तबाह हो गई है। वहीं, ग्रामीणों के घरों में भी मलबा घुस गया है। ग्रामीणों ने किसी रात के समय अपनी जान बचाई। उधर त्यंखर गांव में कई आवासीय भवनों के अलावा गौशालाओं को भी क्षति पहुंची है। भारी बारिश और बादल फटने के कारण हिलाउं नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है।
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घरड़ा गांव के काश्तकारों की हजारों हेक्टेयर सिंचित भूमि तबाह हो गई है। गांव में नदी किनारे स्थित प्रसिद्ध शिव मंदिर का भी आधा हिस्सा नदी के तेज बहाव में बह गया है। रात के समय मंदिर के पुजारी ने किसी तरह से अपनी जान बचाई। मंदिर और गांव को जोड़ने वाले पुल भी आपदा की भेंट चढ़ गये हैं। इसके अलावा भैरवनाथ मंदिर भी नदी में बह गया है। लगातार हो रही बारिश के बाद गांव में अफरा-तफरी का माहौल है और ग्रामीण भयभीत हैं।
मार्ग बंद: जिले के विकाखंड जखोली के विभिन्न गांवों में आपदा से भारी नुकसान हुआ है। दूसरी तरफ तिलवाड़ा मयाली घनसाली राज्य मार्ग भी मरडीगाड़ के पास गदेरे के उफान पर आने से बंद हो गया है। यहां सड़क किनारे बना एक ढाबा भी गदेरे के उफान पर आने से बह गया है। राज्य मार्ग बंद होने से दोनों ओर सैकड़ों वाहन फंस गए हैं। इसके अलावा जखोली क्षेत्र में आपदा राहत बचाव कार्य के लिए जा रहे एनडीआरएफ एवं आपदा प्रबंधन की टीम भी मौके पर फंसी हुई है। लोक निर्माण विभाग रुद्रप्रयाग की ओर से जेसीबी मशीन राज्य मार्ग पर आए मलबे को साफ करने में जुटी है, जो नाकाफी साबित हो रही है।
बता दें कि रुद्रप्रयाग जिले में देर रात मूसलाधार बारिश के चलते भारी तबाही मची है। भारी बारिश के कारण विकासखंड जखोली के त्यूंखर, घरड़ा, मखेत, पैंयाताल, लौंग, सकलाना, कोट, जाखाल, मरड़ीगाड़ सहित कई गांवों में सैकड़ों नाली कृषि भूमि तबाह हो गई है। साथ ही ग्रामीणों के आवासीय भवन, गौशाला एवं शौचालयों को भी भारी क्षति पहुंची है। वहीं, जखोली क्षेत्र को जोड़ने वाला तिलवाड़ा-मयाली-घनसाली राज्य मार्ग के साथ अन्य लिंक मार्ग जगह-जगह टूटने से आवाजाही में भारी दिक्कतें हो रही हैं।
विधायक ने किया अनसुना: तिलवाड़ा-मयाली राज्य मार्ग के मरड़ीगाढ़ में गदेरा उफान पर आने से राज्य मार्ग पर भारी मलबा जमा हो गया है। साथ ही यहां किनारे बना एक ढाबा भी बह गया है। मौके पर बड़ी संख्या में लोग फंसे हुए हैं। जखोली क्षेत्र में आपदा राहत बचाव कार्य के लिए जा रहे एनडीआरएफ एवं आपदा प्रबंधन की टीम भी राज्य मार्ग के बंद होने से मौके पर फंसे हुए हैं। मौके से गुजरे रुद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी को भी लोगों ने समस्या बताई। लेकिन विधायक उनकी मांगों को अनसूना कर गए। लोगों का आरोप है कि विधायक ने उनकी कुछ नहीं सुनी और सीधे निकल गए।
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पौड़ी के कोटद्वार में देर रात भारी बारिश के चलते कोटद्वार के निचले स्थानों पर जलभराव की स्थिति बनी हुई है। लैंसडाउन डिवीजन में 10 सड़क मार्ग, लोक निर्माण विभाग दुगड्डा में 11 सड़क मार्ग, पीएमजीएसवाई कोटद्वार डीविजन में 11 सड़क मार्ग भारी बारिश के कारण बंद हैं। कोटद्वार में देर रात लगभग 42 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। कोटद्वार के कौड़ियां देवरामपुर देवी नगर में जल भराव से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
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