अलग कामतापुर राज्य की मांग को लेकर कामतापुर स्टेट डिमांड फोरम (केएसडीएफ) द्वारा रेल लाइन पर लगाए गए अवरोध के कारण मंगलवार को उत्तर बंगाल के विभिन्न हिस्सों में ट्रेन सेवाएं बाधित रहीं। मंगलवार सुबह से शुरू नाकेबंदी के बाद कई मेल, एक्सप्रेस और मालगाड़ियां विभिन्न स्टेशनों पर फंसी रहीं।
दक्षिण बंगाल से उत्तर बंगाल की ओर जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण ट्रेनों में से एक कंचनजंगा एक्सप्रेस जलपाईगुड़ी जिले के मयनागुरी रेलवे स्टेशन पर फंसी रही। राज्य पुलिस बल, रेलवे सुरक्षा बल और राजकीय रेलवे पुलिस को उन स्टेशनों पर तैनात किया गया था जहां फोरम के कार्यकर्ताओं ने नाकेबंदी की थी।
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अगले साल राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली के लिए होने वाले चुनावों की पृष्ठभूमि में इस आंदोलन को काफी अहम माना जा रहा है। मंच के अध्यक्ष निखिल रे ने दावा किया कि उनकी ओर से पहले ही 12 घंटे की नाकाबंदी की घोषणा की गई थी। उन्होंने कहा कि हमारी एकमात्र मांग अलग कामतापुर राज्य है। मंच के उपाध्यक्ष अमित रे ने कहा कि नाकाबंदी काफी सफल रही। उन्होंने कहा कि पुलिस पहले ही हमारे कई समर्थकों को गिरफ्तार कर चुकी है।
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अमित रे ने कहा कि शुरू में उन्होंने राज्य और केंद्र सरकारों के साथ बातचीत करके शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांगों को उठाया। लेकिन न तो राज्य सरकार और न ही केंद्र सरकार ने इस पर कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया दी, ऐसे में रेल नाकाबंदी का सहारा लेने के लिए मजबूर हुए। आने वाले दिनों में हम इस मुद्दे पर बड़े आंदोलनों का सहारा लेंगे।
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पश्चिम बंगाल के कूचबिहार, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, उत्तरी दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर और असम के गोलपारा, धुबरी, बोंगईगांव और कोकराझार जिले, बिहार का किशनगंज जिला और नेपाल के झापा जिला को मिलाकर कामतापुर राज्य के गठन का प्रस्ताव है। दिसंबर 1985 में अस्तित्व में आए कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (केएलओ) द्वारा इस मांग को लेकर पहले भी सशस्त्र आंदोलन की घटनाएं हुई हैं।
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