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सैनिकों की शहादत पर राहुल-प्रियंका गांधी ने जताया दुख, कहा- BJP की गलत नीतियों का खामियाजा भुगत रहे हमारे जवान

प्रियंका गांधी ने कहा कि लगातार बढ़ते आतंकवादी हमले गंभीर सवाल खड़े करते हैं। क्या देश के राजनीतिक नेतृत्व की भूमिका सिर्फ इतनी होनी चाहिए कि हर शहादत पर दुख जताकर मौन हो जाएं? पिछले 78 दिन में जम्मू-कश्मीर में 11 आतंकवादी हमले हो चुके हैं।

फोटो: Getty Images
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जम्मू-कश्मीर के डोडा में आतंकियों से मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल हुए एक अधिकारी समेत चार जवानों इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया। इस घटना पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि आज जम्मू कश्मीर में फिर से एक आतंकी मुठभेड़ में हमारे जवान शहीद हो गए। शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शोक संतप्त परिजनों को गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।

उन्होंने आगे कहा कि एक के बाद एक ऐसी भयानक घटनाएं बेहद दुखद और चिंताजनक है। लगातार हो रहे ये आतंकी हमले जम्मू कश्मीर की जर्जर स्थिति बयान कर रहे हैं। बीजेपी की गलत नीतियों का खामियाज़ा हमारे जवान और उनके परिवार भुगत रहे हैं। हर देशभक्त भारतीय की यह मांग है कि सरकार बार-बार हो रही सुरक्षा चूकों की पूरी जवाबदेही ले कर देश और जवानों के गुनहगारों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे। दुख की इस घड़ी में पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता से खड़ा है।

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वही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 4 जवानों की शहादत पर पूरा देश दुखी है और एकजुटता से आतंकवाद के खिलाफ खड़ा है। लेकिन लगातार बढ़ते आतंकवादी हमले गंभीर सवाल खड़े करते हैं। क्या देश के राजनीतिक नेतृत्व की भूमिका सिर्फ इतनी होनी चाहिए कि हर शहादत पर दुख जताकर मौन हो जाएं? पिछले 78 दिन में जम्मू-कश्मीर में 11 आतंकवादी हमले हो चुके हैं। इन हमलों में सेना और पुलिस के 13 जवान शहीद हुए। 9 जून को एक यात्री बस पर हुए हमले में 9 श्रद्धालु मारे गए। ये हमले और हमारे सैनिकों की शहादतें रोकने के लिए सरकार कूटनीतिक-रणनीतिक मोर्चे पर क्या उपाय कर रही है?

उन्होंने आगे कहा कि कभी नोटबंदी, कभी अनुच्छेद 370 के बहाने आतंकवाद को नेस्तनाबूद करने के फर्जी दावे की कीमत हमारे जवान अपनी जान देकर चुका रहे हैं। हम कब तक अपने शहीदों की लाशें गिनते रहेंगे?

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