प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों और संबोधनों में नाटकीयता इस हद तक होती है कि कई बार वे प्रधानमंत्री पद की गरिमा को भी भूल जाते हैं। ऐसी ही एक नाटकीयता भरी टिप्पणी के दौरान प्रधानमंत्री ने भाषाई मर्यादा की हदें पार करते हुए शनिवार को कोलकाता में हुई विपक्षी महागठबंधन की महारैली का मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा कि, समूचा विपक्ष “बचाओ-बचाओ चिल्ला रहा है।”
पीएम की इस टिप्पणी पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने करारा जवाब दिया है। राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा कि यह उन आम लोगों की गुहार है जो मोदी जी के अत्याचारों से त्रस्त हैं। राहुल गांधी ने लिखा कि, “महामहिम, मदद के लिए यह गुहार उन लाखों बेरोजगार युवाओं, संकटग्रस्त किसानों, वंचित दलितों और आदिवासियों, सताए गए अल्पसंख्यकों, बर्बाद हो गए छोटे व्यापारियों की है, जो आपके अत्याचार और अक्षमता से मुक्त होना चाहते हैं। वे 100 दिनों में मुक्त हो जाएंगे।“
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वहीं पीएम की इस टिप्पणी पर जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने भी निशाना साधा है। उन्होंने लिखा है कि, “मोदी जी अपने पास जनशक्ति और विपक्षियों के पास धनशक्ति होने की बात कह रहे हैं। भाजपा को पिछले साल बाकी सभी दलों से 12 गुना ज़्यादा कॉरपोरेट फ़ंडिंग मिली।कॉरपोरेट फ़ंडिंग में नाम नहीं बताने का नियम भी भाजपा ने बनाया और कॉरपोरेट का तीन लाख करोड़ का कर्ज़ माफ़ कर दिया।पता है ना आपको?”
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