कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने पार्टी में नई जान आने का श्रेय राहुल गांधी को देते हुए कहा कि उन्होंने न केवल पार्टी को ‘‘नैतिक और दार्शनिक’’ नेतृत्व प्रदान किया, बल्कि लोकसभा चुनाव के लिए विमर्श भी तय किया जिसका असर नतीजों में दिखा। गोगोई ने मई, 2022 में पार्टी के उदयपुर 'चिंतन शिविर' में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा दिए गए ‘‘हम जीतेंगे’’ के संदेश का उल्लेख किया और कहा कि पार्टी ने पुनरुत्थान की राह पर एक लंबा सफर तय किया है और उसी रास्ते पर आगे बढ़ने की ठान ली है।
उन्होंने कहा, ‘‘आपको 2021 से कांग्रेस की यात्रा याद होगी जब हमने बहुत खराब प्रदर्शन किया था। हमने 2019 के लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन किया था, 2021 के विधानसभा चुनावों में हम असम और केरल में हार गए थे। बीजेपी तेजी से बढ़ रही थी। हमने उदयपुर में 'चिंतन शिविर' आयोजित किया क्योंकि हम चिंतित थे।’’
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असम में जोरहाट लोकसभा सीट से 1.44 लाख मतों के अंतर से जीतने वाले गौरव गोगोई ने बताया कि तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी को शिविर के अंत में अपने भाषण में तीन बार ‘हम जीतेंगे’ कहना पड़ा जो उस समय पार्टी की मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप उस समय को देखें और अब हमारी स्थिति देखें, तो हम बहुत आगे बढ़ चुके हैं और हमें अभी और भी आगे जाना है।’’
गोगोई ने कहा कि ‘चिंतन शिविर’ के बाद, यह देखना होगा कि कांग्रेस के पुनरुद्धार को राहुल गांधी के साथ निकटता से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘वह सितंबर 2022 से जनवरी 2023 तक कन्याकुमारी से कश्मीर तक लगभग 4,000 किलोमीटर तक पैदल चले, जिसका परिणाम हमने कर्नाटक चुनाव में देखा।’’
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कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘इन चुनावों में क्या मुद्दे थे- लोकतंत्र, संविधान, जाति जनगणना, अग्निपथ। इन मुद्दों को विमर्श में कौन लाया? इन मुद्दों को सबसे आगे लाने में मुख्य भूमिका राहुल जी की थी। इसलिए, उन्होंने हमें एक नैतिक और दार्शनिक नेतृत्व दिया।’’ उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने कांग्रेस को संगठनात्मक नेतृत्व भी दिया और उसका परिणाम लोकसभा चुनाव में लोगों के जनादेश में देखने को मिला।
गोगोई के अनुसार, ‘‘हमने मणिपुर में दोनों सीटें जीतीं, हमने मेघालय में एक सीट जीती, हम 1990 के दशक के बाद पहली बार नागालैंड में जीते। असम के जोरहाट में हमने पिछली बार 2009 में जीत हासिल की थी। धुबरी में, जो उस क्षेत्रीय पार्टी (एआईयूडीएफ) का गढ़ था जो वोट काटने का काम करती थी, हमने रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की।’’
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उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया मंचों पर जिस व्यक्ति को सबसे ज्यादा बदनाम किया गया है, वह राहुल गांधी हैं। गोगोई ने कहा, ‘‘अभी भी वह बदनाम करने के उस अभियान का निशाना बने हुए हैं... राजनीतिक पंडितों में यह स्वीकार करने का साहस नहीं है कि वे राहुल गांधी के बारे में गलत थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी को परवाह करने की जरूरत नहीं है। वह शांति और सद्भाव का संदेश दे रहे हैं। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का संदेश था ‘नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलना है’... आप मुझे इसका एक भी उदाहरण दीजिए कि हाल के समय में दुनिया में एक राजनीतिक अभियान ऐसा रहा हो जिसका प्रतीक प्रेम था।’
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