राफेल डील को लेकर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के ताजा खुलासे के बाद देश का सियासी पारा चढ़ने लगा है। राफेल डील में अनिल अंबानी की कंपनी को शामिल करने में मोदी सरकार की भूमिका सामने आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर सीधा निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने निजी तौर पर इस सौदे में हिस्सा लिया और बंद दरवाजों के पीछे राफेल डील में बदलाव करवाया। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “हम फ्रांस्वा ओलांद का शुक्रिया अदा करते हैं कि उन्होंने इस सच्चाई को सामने लाया कि पीएम मोदी ने करोड़ों डॉलर का यह सौदा दिवालिया अनिल अंबानी की झोली में डाल दिया। पीएम मोदी मे देश के साथ धोखा किया है। उन्होंने सैनिकों के खून का भी अपमान किया है।”
Published: 21 Sep 2018, 10:26 PM IST
इससे पहले शुक्रवार को फ्रांस के एक अखबार मीडियापार्ट को दिए साक्षात्कार में पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा कि राफेल सौदे में अनिल अंबानी को दसाल्ट ने नहीं चुना था। ओलांद ने कहा, “हमारे पास कोई विकल्प ही नहीं था, हमने वही पार्टनर चुना जो हमें दिया गया था।”
Published: 21 Sep 2018, 10:26 PM IST
गौरतलब है कि ओलांद का ये बयान मोदी सरकार के उस दावे के बिल्कुल खिलाफ है, जिसमें उसने कहा था कि दसॉल्ट ने ही अनिल अंबानी की रिलायंस को चुना था और उस फैसले में रक्षा मंत्रालय या भारत सरकार का कोई हाथ नहीं था। मोदी सरकार ने पहले कहा था, “रक्षा मंत्रालय ने राफेल डील में भारतीय भागीदार का चुनाव करने में कोई भूमिका नहीं निभाई थी।”
हालांकि, ओलांद के ताजा बयान के बाद रक्षा मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा है कि अनिल अंबानी की फर्म को ठेका देने के मामले में न तो भारत सरकार की भूमिका है और न ही फ्रांस सरकार की। बयान में कहा गया, “मंत्रालय, फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के दावों की जांच कर रहा है।”
Published: 21 Sep 2018, 10:26 PM IST
शुक्रवार को आए फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोला और कहा कि मोदी सरकार का सफेद झूठ पकड़ा गया है और इस मामले में ‘चौकीदार’ भागीदार नहीं है, बल्कि असली ‘गुनहगार’ है।
Published: 21 Sep 2018, 10:26 PM IST
बता दें कि राफेल डील को लेकर कांग्रेस यह आरोप लगाती रही है कि मोदी सरकार ने फ्रांस की कंपनी दसाल्ट से 36 राफेल लड़ाकू विमान की खरीद का जो सौदा किया है, उसकी कीमत पिछली यूपीए सरकार में इसी कंपनी से किये गए समझौते से प्रति विमान कई गुना ज्यादा है। कांग्रेस का आरोप है कि इससे सरकारी खजाने को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। साथ ही यह भी आरोप है कि इस डील में बदलाव कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौदे में ऑफसेट का ठेका भारत की सरकारी कंपनी एचएएल से लेकर अनिल अंबानी की महज 12 दिन पहले बनाई गई रिलायंस डिफेंस को दे दिया।
Published: 21 Sep 2018, 10:26 PM IST
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Published: 21 Sep 2018, 10:26 PM IST