कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर केंद्र सरकार पर फिर हमला बोला है। उन्होंने राफेल की कीमतों पर सवाल उठाते हुए कहा कि 36 राफेल विमान की कीमत के जरिए देश के 10 प्रतिशत रक्षा बजट को जेब में डाल लिया गया। राहुल गांधी ने राफेल लड़ाकू विमान बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट की वार्षिक रिपोर्ट के जरिये इन विमानों की तुलनात्मक कीमत बताया है।
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उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘डसॉल्ट ने आरएम (रक्षा मंत्री) के झूठ को खोल दिया है और रिपोर्ट में प्रति राफेल विमान की कीमत जारी की है।”
उन्होंने आगे कहा कि कतर को प्रति राफेल विमान 1319 करोड़ रूपये में बेचा गया, जबकि मोदी सरकार ने इसे प्रति विमान 1670 करोड़ रूपये में खरीदा। उन्होंने यह भी लिखा है कि इसी विमान का मनमोहन सरकार के समय 570 करोड़ रुपए में सौदा हुआ था।
राहुल गांधी ने आगे कहा, “इस बीच हमारी सेना धन के लिए सरकार से गुहार लगा रही है।” उन्होंने अपने इस ट्वीट के साथ डसाल्ट द्वारा जारी की गई साल 2016 की वार्षिक रिपोर्ट को भी संलग्न किया है।
डसॉल्ट द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार अब भारत को प्रति राफेल विमान पर 1100 करोड़ रुपये ज्यादा ज्यादा देना पड़ रहा है। पूरे राफेल डील में यह रकम 36 हजार करोड़ रुपये हो जाती है, जो कि भारत के पूरे रक्षा बजट का लगभग 10 प्रतिशत है। वर्तमान वित्त वर्ष में भारत का कुल रक्षा बजट 359,000 करोड़ रुपये है।
इससे पहले भारत दौरे पर आए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भारत और फ्रांस के बीच हुए राफेल डील पर कहा था कि अगर भारत सरकार इस डील की कुछ शर्तों को अपने विपक्ष के समक्ष बहस के लिए जाहीर करना चाहता है तो फ्रांस की सरकार को कोई आपत्ति नहीं है।
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