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आंदोलन के 100 दिन: राहुल बोले- किसान मांगे अधिकार, सरकार करे अत्याचार! कांग्रेस ने कहा- शहादत पर हुकूमत का अहंकार भारी

किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। राहुल गांधी ने कहा कि किसान सरकार से अपना अधिकार मांग रहे हैं और सरकार उनके ऊपर अत्‍याचार कर रही है। वहीं कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा है कि किसानों की शाहदत पर हुकूमत का अहंकार ज्यादा भारी है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

कृषि कानून के विरोध में दिल्‍ली बॉर्डर पर चल रहे किसान के आंदोलन को आज 100 दिन पूरे हो गए हैं। इनते दिन बाद भी सरकार और किसान नेताओं के बीच कोई बात नहीं बनी है। अब किसानों ने विरोध में केएमपी एक्सप्रेस वे को ब्लॉक कर दिया है। सैकड़ों की लाखों की संख्या में किसान सड़कों पर हैं। वहीं गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने 'हल' पर काली पट्टी बांध अपने विरोध की शुरूआत कर दी है। इन सबके बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधा है।

किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। राहुल गांधी ने कहा कि किसान सरकार से अपना अधिकार मांग रहे हैं और सरकार उनके ऊपर अत्‍याचार कर रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसान आंदोलन के समर्थन में केंद्र सरकार पर एक बार फिर हमला किया है। राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा, देश की सीमा पर जान बिछाते हैं जिनके बेटे, उनके लिए कीलें बिछाई हैं दिल्ली की सीमा पर। अन्नदाता मांगे अधिकार, सरकार करे अत्याचार!

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वहीं किसानों के आंदोलन को 100 दिन पूरे होने पर कांग्रेस ने भी मोदी सरकार पर ट्वीट के जरिए हमला बोला है। कांग्रेस ने वीडियो शेयर कर कहा है कि अहंकार में चूर हो, क्यों इतने मग़रूर हो। सामने किसान है, हथेली पर उनकी जान है।। तुम क्या चाहते हो, वो हथकंडों से डर जाएंगे। अन्नदाता हैं, अहंकार तुम्हारा चूर कर जाएंगे।।

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इतना ही नहीं कांग्रेस ने आगे ट्वीट किया कि किसान आंदोलन के 100 दिन हो चुके हैं और भाजपाई अहंकार के भी। दिल्ली की सीमाओं पर किसानों की शहादत जारी है। मगर हुकूमत का अहंकार ज्यादा भारी है।।

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कांग्रेस ने एक और ट्वीट कर कहा कि देश का अन्नदाता पिछले 100 दिन से दिल्ली की सरहदों पर संघर्षरत है। लेकिन गूंगी-बहरी तानाशाही हुकूमत अन्नदाता की आवाज को सुनने को तैयार नहीं है। सरकार का यह तानाशाही रवैया याद रखा जायेगा। किसानों के हक की लड़ाई को दबाने के लिए भाजपा सरकार की निर्दयतापूर्वक कार्रवाई निंदनीय थी। अन्नदाता की आवाज को दबाने का हर भाजपाई प्रयास असफल रहा। लेकिन अन्नदाता कामयाब जरूर होंगे।

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