लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसका समर्थन करते हुए कहा कि ओबीसी आरक्षण के बिना महिला आरक्षण अधूरा है। उन्होंने इसे अडानी और जातीय जनगणना जैसे मुद्दों से भटकाने की मोदी सरकार की कोशिश करार देते हुए कहा कि सरकार गंभीर नहीं है और कहीं न कहीं इसको टालना चाहती है।
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राहुल गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत सेंगोल की चर्चा से करते हुए कहा कि मैं महिला आरक्षण बिल का समर्थन करता हूं। सभी इस बात को मानते हैं कि महिलाओं को और जगह मिलनी चाहिए। लेकिन ये बिल पूरा नहीं है। विधेयक में ओबीसी के लिए आरक्षण के बिना यह बिल अधूरा है। उन्होंने कहा कि 90 सचिव सरकार को संभाल रहे हैं और इसमें से सिर्फ 3 ओबीसी से आते हैं। यह ओबीसी समुदाय का अपमान है। आप कास्ट सेंसस रिलीज कीजिए, जो हमने किया था और आप नहीं करेंगे तो हम कर डालेंगे।
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राहुल गांधी ने महिला आरक्षण पर मोदी सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये अजीब है कि आप नई जनगणना और परिसीमन का इंतजार करेंगे। आप आज अभी एक तिहाई आरक्षण दे सकते हैं। लेकिन आप इसको कहीं न कहीं टालना चाहते हैं। दरअसल आप ध्यान भटकाना चाहते हैं। आप एक अडानी मसले से, जातिगत जनगणना से भी ध्यान भटकाना चाहते हैं। आप बिल आज लागू कीजिए और आज ही महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण दीजिए।
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गौरतलब है कि मोदी सरकार जो महिला आरक्षण बिल लेकर आई है, उसमें प्रावधान है कि यह विधेयक अगली जनगणना होने और उसके आधार पर लोकसभा परिसीमन होने के बाद लागू होगा। इसलिए कांग्रेस समेत कई दल आपत्ति जता रहे हैं कि इस कानून को तुरंत क्यों नहीं लागू किया जा रहा है और परिसीमन की शर्त क्यों रखी गई है। साथ ही इस बिल में ओबीसी महिलाओं के लिए अलग से कोटा नहीं देने पर भी सवाल उठ रहे हैं। मौजूदा एससी-एसटी कोटे से काटकर एससी-एसटी महिलाओं को आरक्षण देने पर भी सवाल उठ रहे हैं।
राहुल गांधी का लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर पूरा भाषण नीचे दिए लिंक में सुन सकते हैं:
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