पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश की आर्थिक स्थिति बदहाल होने और मंदी के जो कारण गिनाए थे, उसमें सबसे बड़ा कारण लोगों में व्याप्त भय और भरोसे की कमी बताया था। अगले ही दिन शनिवार को मशहूर उद्योगपति राहुल बजाज ने भरी महफिल में लाइव टेलीविज़न के सामने मोदी सरकार को आइना दिखा दिया। इकोनॉमिक टाइम्स अवार्ड्स कार्यक्रम में जिस समय मंच पर गृहमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रेल मंत्री पीयूष गोयल बैठे थे, राहुल बजाज ने खुलकर कहा कि आपसे डर लगता है।
उन्होंने अपने छोटे भाषण में लड़खड़ाती आवाज में कहा कि भले ही कोई न बोले, लेकिन मैं कह सकता हूं कि आपकी आलोचना करने में हमें डर लगता है, कि पता नहीं आप इसे कैसे समझोगे। राहुल बजाज ने कहा, “हम यूपीए-2 सरकार को गाली दे सकते थे, लेकिन डरते नहीं थे, तब हमें आजादी थी. लेकिन आज सभी उद्योगपति डरते हैं कि कहीं मोदी सरकार की आलोचना महंगी न पड़ जाए।”
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उन्होंने कहा, हमारे मन में है, लेकिन कोई इंडस्ट्रियालिस्ट बोलेगा नहीं, हमें एक बेहतर जवाब सरकार से चाहिए, सिर्फ इनकार नहीं चाहिए, मैं सिर्फ बोलने के लिए नहीं बोल रहा हूं, एक माहौल बनाना पड़ेगा, मैं पर्यावरण और प्रदूषण की बात नहीं कर रहा हूं, यूपीए-2 में तो हम किसी को भी गाली दे सकते थे, वह अलग बात है, आप अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन हम खुलकर आपकी आलोचना करें, तो भरोसा नहीं है कि आपको बुरा नहीं लगेगा, मैं गलत हो सकता हूं, लेकिन वह सबको लगता है कि ऐसा है, मैं सबकी तरफ से नहीं बोल रहा हूं, मुझे यह सब बोलना भी नहीं चाहिए, क्योंकि लोग हंस रहे हैं कि चढ़ बेटा सूली पर....”
राहुल बजाज ने बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर के गोडसे वाले बयान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि, “सब जानते हैं कि जिसने गांधी जी की हत्या की, इसमें किसी को शक है क्या किसी को, पहले भी बोली थीं, फिर सफाई दी, आपने टिकट दिया, जीत गईं और आपकी सपोर्ट से ही जीती हैं, उन्हें कोई जानता नहीं था, फिर आपने उन्हें समिति में शामिल कर दिया, प्रधानमंत्री ने कहा था कि मैं उन्हें दिल से माफ नहीं कर सकता, फिर भी सलाहकार समिति में ले आए.....”
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राहुल बजाज के इस बयान के बाद बीजेपी अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, “मैं साफ तौर पर कहना चाहता हूं कि किसी को डरने की जरूरत नहीं है।” प्रज्ञा ठाकुर वाले मामले पर शाह ने कहा कि, “प्रज्ञा ठाकुर ने जो कुछ कहा हम उसकी निंदा करते हैं।” अर्थव्यवस्था के मामले में अमित शाह ने कहा कि, “2004 से 2014 के बीत कुछ ऐसी घटनाएं हुई। इससे साफ हो जाएगा अगर आप हमारे वित्तीय आंकड़े देखेंगे।”
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