राफेल लड़ाकू विमान सौदे में कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे को कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने आज भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक से मुलाकात की और मोदी सरकार द्वारा 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद को लेकर किए गए सौदे की तत्काल जांच करने की मांग की।
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कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, “कांग्रेस नेतृत्व के एक प्रतिनिधिमंडल ने कैग और उनके वरिष्ठ सहयोगियों से मुलाकात की। हमने सीएजी से मुलाकात कर एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा है, जो राफेल खरीद में अनियमितताओं को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। हमें उम्मीद है कि इस मामले को सीएजी देखेंगे।”
उन्होंने कहा कि संलग्न पत्रों में पूरी जानकारी शामिल हैं, जिसमें विशेष रूप से आरोप लगाया गया है कि राफेल की खरीद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनमाने ढंग से फैसला किया और एचएएल को सौदे से बाहर कर दिया।
उन्होंने कहा, “हम आशा करते हैं कि इस मामले को तत्काल कैग द्वारा देखा जाएगा, जिसके पास संवैधानिक अधिकार है। और इस विशेष घोटाले की रपट संसद में समय पर आएगी, क्योंकि इसका अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव है।”
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कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “हमने सीएजी से मुलाकात की। उन्हें राफेल सौदे में अनियमितताओं के बारे में आगाह किया। उन्हें बताया कि एक विमान की कीमत 520 करोड़ रुपये जो यूपीए सरकार में तय की गई थी। उस डील को मोदी सरकार ने बदल दिया, और अब उसी विमान को केंद्र सरकार 1600 करोड़ में खरीद रही है और 126 विमानों की जगह सिर्फ 36 विमान का ही सौदा किया है।”
उन्होंने कहा कि हमने सीएजी के सामने यह बात रखी कि पीएम मोदी के फ्रांस दौरे से ठीक 12 दिन पहले रिलायंस द्वारा एक कंपनी बनाई गई और उसे राफेल सौदा दे दिया गया।
आनंद शर्मा के अलावा प्रतिनिधिमंडल में पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी, अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, मुकुल वासनिक, जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला, राजीव शुक्ला और विवेक तन्खा भी शामिल थे।
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गौरतलब है कि कांग्रेस का आरोप कि मोदी सरकार ने फ्रांस की कंपनी दसाल्ट से 36 राफेल लड़ाकू विमान की खरीद का जो सौदा किया है, उसकी कीमत यूपीए सरकार के शासनकाल में किए गये समझौते की तुलना में बहुत अधिक हैं जिससे सरकारी खजाने को हजारों करोड़ों रूपये का नुकसान हुआ है। इस मुद्दे को लेकर पिछले कई दिनों से कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावर है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी अपने भाषणों और संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर राफेल मामले में देश से झूठ बोलने और सौदे में भारी भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाते रहे हैं। राहुल गांधी राफेल सौदे का सच सामने लाने के लिए इसकी जांच संसद की संयुक्त समिति से कराने की लगातार मांग करते रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सरकार ने इन आरोपों का खंडन किया है।
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