हालात

फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा राफेल डील का मामला, भ्रष्टाचार के खुलासों पर जांच की मांग, दो हफ्ते बाद सुनवाई

फ्रेंच वेबसाइट मीडिया पार्ट ने एक जांच रिपोर्ट के हवाले से दावा किया है कि राफेल डील में दसॉ एविएशन ने कुछ फर्जी दिखने वाले भुगतान किए हैं। कंपनी के 2017 के खातों के ऑडिट में गिफ्ट टू क्लाइंट के नाम पर 5 लाख 8 हजार 925 यूरो (4.39 करोड़ रुपए) खर्च पाया गया।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

राफेल फाइटर जेट के लिए फ्रांस और मोदी सरकार के बीच हुई डील एक बार फिर विवादों में है। फ्रांस की वेबसाइट मीडिया पार्ट द्वारा इस सौदे में भ्रष्टाचार के खुलासे के बाद सुप्रीम कोर्ट में इस सौदे की जांच के लिए एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। सोमवार को सीजेआई एसए बोबडे ने इस याचिका के उल्लेख पर कहा कि कोर्ट दो हफ्ते बाद इस पर सुनवाई करेगा। हालांकि उन्होंने सुनवाई के लिए कोई तारीख नहीं दी है।

इसे भी पढ़ेंः राफेल सौदे में हुआ भ्रष्टाचार! भारत के एक बिचौलिये को मिले थे साढ़े 8 करोड़ के ‘गिफ्ट’, फ्रेंच रिपोर्ट में दावा

Published: 12 Apr 2021, 7:30 PM IST

राफेल डील की स्वतंत्र जांच की मांग वाली यह याचिका वकील एमएल शर्मा ने दाखिल की है। याचिकाकर्ता ने सोमवार को सीजेआई बोबडे की पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि वह राफेल डील में हुए ताजा गंभीर खुलासों के परिप्रेक्ष्य में इस नई याचिका पर सुनवाई की अपील कर रहे हैं। इस पर सीजेआई बोबडे ने मामले को दो हफ्ते बाद सूचीबद्ध करने पर सहमति दी।

इससे पहले इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दो साल पहले राफेल डील में हुए कथित भ्रष्टाचार की कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग को लेकर दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था। तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने इस सौदे की प्रक्रिया और साझेदार के चुनाव में किसी तरह के भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज कर दिया था।

इसे भी पढ़ेंः 'राफेल स्कैम' का भांडाफोड़ करने वाले मीडियापार्ट के पत्रकार का इंटरव्यू: भारत और फ्रांस में जांच के लिए पर्याप्त सबूत

Published: 12 Apr 2021, 7:30 PM IST

बता दें कि फ्रांस की वेबसाइट मीडिया पार्ट ने देश की भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी की एक जांच रिपोर्ट के हवाले से दावा किया है कि राफेल निर्माता दसॉ एविएशन ने कुछ फर्जी नजर आने वाले भुगतान किए हैं। खबर के अनुसार कंपनी के 2017 के खातों के ऑडिट में गिफ्ट टू क्लाइंट के नाम पर 5 लाख 8 हजार 925 यूरो (4.39 करोड़ रुपए) खर्च का पता चला। कंपनी ने इतनी बड़ी रकम का कोई ठोस जवाब भी नहीं दिया और कहा कि उसने विमान के 50 मॉडल के लिए एक भारतीय कंपनी को 20 हजार यूरो (17 लाख रुपए) प्रति मॉडल के हिसाब से भुगतान किया। हालांकि यह मॉडल कहां और कैसे इस्तेमाल किए गए, इसका कोई सबूत नहीं मिला।

इसे भी पढ़ेंः राफेल सौदे की जांच रुकवाने में मैक्रां और ओलांद ने किया पद का इस्तेमाल, भारत के कहने पर मिला अनिल अंबानी को ठेका- मीडियापार्ट

वहीं ताजा खुलासे को लेकर कांग्रेस ने भी राफेल डील में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की हैै। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इतनी बड़ी रकम के लेन-देन को गिफ्ट टू क्लाइंट की संज्ञा दी गई है। अगर ये राफेल का मॉडल बनाने के पैसे थे, तो फिर इसे गिफ्ट क्यों कहा गया? उन्होंने पूछा कि क्या ये किसी छिपे हुए ट्रांजैक्शन का हिस्सा था? क्या राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे में दलाली दी गई? उन्होंने कहा कि इन सब खुलासों से राफेल डील पर सवाल खड़े हो गए हैं। ऐसे में क्या इस पूरे मामले की जांच नहीं होनी चाहिए, ताकि पता चल सके कि डील के लिए किसको और कितने रुपए दिए गए?

इसे भी पढ़ेंः 'राफेल डील में कमीशनखोरी और रिश्वतखोरी की सच्चाई आई सामने', कांग्रेस का सवाल- किसे दिए गए करोड़ों के 'गिफ्ट'?

Published: 12 Apr 2021, 7:30 PM IST

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: 12 Apr 2021, 7:30 PM IST

  • छत्तीसगढ़: मेहनत हमने की और पीठ ये थपथपा रहे हैं, पूर्व सीएम भूपेश बघेल का सरकार पर निशाना

  • ,
  • महाकुम्भ में टेंट में हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड के उपयोग पर लगा पूर्ण प्रतिबंध, सुरक्षित बनाने के लिए फैसला

  • ,
  • बड़ी खबर LIVE: राहुल गांधी ने मोदी-अडानी संबंध पर फिर हमला किया, कहा- यह भ्रष्टाचार का बेहद खतरनाक खेल

  • ,
  • विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले कांग्रेस ने महाराष्ट्र और झारखंड में नियुक्त किए पर्यवेक्षक, किसको मिली जिम्मेदारी?

  • ,
  • दुनियाः लेबनान में इजरायली हवाई हमलों में 47 की मौत, 22 घायल और ट्रंप ने पाम बॉन्डी को अटॉर्नी जनरल नामित किया