उत्तर प्रदेश में अगले महीने दो चरण में होने वाले शहरी नगर निकायों के चुनाव की तारीख का ऐलान होने के बाद चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मंगलवार से नामांकन भी शुरू हो गया है। जिला मुख्यालय पर ईवीएम भी पहुंचने लगी हैं। लेकिन अब चुनाव ईवीएम मशीन से कराने की योजना पर सवाल खड़े हो गए हैं। एक सामाजिक कार्यकर्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर प्रदेश में ईवीएम के जरिये नगरपालिका चुनाव कराने की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है।
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सहारनपुर के सामाजिक कार्यकर्ता और मामले के याचिकाकर्ता हरपाल सिंह के अनुसार, ईवीएम के माध्यम से शहरी नगर निकायों के चुनाव का मतदान कराने का राज्य चुनाव आयोग का निर्देश कानून की नजर में ठीक नहीं है। इसलिए ईवीएम के माध्यम से चुनाव कराना गलत ही नहीं संवैधानिक रूप से अवैध है। हम ने इसकी वैधता को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
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इलाहाबाद उच्च न्यायालय में मामले का प्रतिनिधित्व करने वाले याचिकाकर्ता हरपाल सिंह के वकील अखिलेश कुमार राजभर ने यूपी नगर निकाय चुनाव के लिए चल रही प्रक्रिया के कारण मामले में तत्काल सुनवाई की मांग की है। मामले में यूपी के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव यूपी शहरी विकास विभाग और राज्य चुनाव आयोग को प्रतिवादी बनाया गया है।
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बता दें कि दो दिन पहले उत्तर प्रदेश राज्य चुनाव आयोग ने 4 और 11 मई को दो चरण में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने का ऐलान किया है, जबकि मतगणना 13 मई को होगी। राज्य के 760 शहरी स्थानीय निकायों की 14,684 सीटों पर चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। प्रत्येक चरण में सूबे के नौ प्रमंडलों में मतदान होगा। इस बीच, 4 और 11 मई को होने वाले चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और मंगलवार से नामांकन शुरू हो गया है। जिला मुख्यालय पर ईवीएम भी पहुंचने लगी हैं।
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