पंजाब की कांग्रेस सरकार ने गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों के सम्मान में मिसाल पेश करते हुए राज्य की मौजूदा नियुक्ति की नीति से अलग हटकर आश्रितों के नहीं होने पर शहीदों के शादीशुदा भाई-बहनों को नौकरी देने का फैसला किया है। अमरिंदर सिंह सरकार ने सिपाही गुरतेज सिंह, सिपाही गुरबिंदर सिंह और लांस नायक सलीम खान द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान के सम्मान में यह निर्णय लिया है।
Published: undefined
बता दें कि पूर्वी लद्दाख के गलवान में चीन के साथ झड़प में पंजाब के सिपाही गुरतेज सिंह, गुरबिंदर सिंह और लांस नायक सलीम खान शहीद हो गए थे। उनके शहादत के सम्मान में राज्य सरकार ने आश्रितों को नौकरी देने का ऐलान किया था। इसके लिए नियमों से अलग हटकर अपवाद बनाते हुए पंजाब कैबिनेट ने गलवान घाटी में शहीद जवानों के विवाहित भाई-बहनों को राज्य सेवाओं में नौकरी प्रदान करने के लिए नियमों में संशोधन को मंजूरी दे दी।
Published: undefined
दरअसल मौजूदा नियमों के अनुसार, किसी की शहादत पर केवल परिवार के आश्रित सदस्य या पत्नी/बेटा/बेटी ही नौकरी के लिए पात्र थे, लेकिन इन तीन जवानों के मामले में, चूंकि परिवार का कोई भी आश्रित सदस्य मौजूद नहीं था, इसलिए सरकार ने अपवाद बनाने और उनके शादीशुदा भाइयों को नौकरी देने का फैसला किया।
Published: undefined
इस बारे में मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि सिपाही गुरतेज सिंह के भाई गुरप्रीत सिंह, सिपाही गुरबिंदर सिंह के भाई गुरप्रीत सिंह और लांस नायक सलीम खान के भाई नियामत अली ने युद्ध नायकों के आश्रित सदस्यों की परिभाषा के अंतर्गत नहीं आने के बावजूद राज्य सेवाओं में नियुक्ति के लिए आवेदन किया था, जिस पर राज्य सरकार ने ये फैसला लिया है।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined