पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने गुरुवार को आशा और मिड-डे मील कर्मियों को नए साल के तोहफे के रूप में 124.25 करोड़ रुपये का बोनस देने का ऐलान किया। उन्होंने आशा वर्कर्स के लिए पहले मिली प्रोत्साहन राशि के मुकाबले 2,500 रुपये का एक निश्चित मासिक भत्ता देने की भी घोषणा की। इससे राज्य के खजाने पर करीब 64 करोड़ रुपये का खर्च बढ़ेगा।
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कांग्रेस सरकार के इस कदम से लगभग 22,000 आशा कार्यकर्ताओं को फायदा होगा। वे अब 5 लाख रुपये तक की कैशलेस स्वास्थ्य बीमा योजना की सुविधा के भी हकदार होंगे, जो राज्य द्वारा नि:शुल्क किया जाएगा, ताकि उन्हें अपने कर्तव्य का पालन करते हुए संक्रामक रोग की चपेट में आने पर संभावित जोखिम के खिलाफ कवर किया जा सके।
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इसी तरह, 19,700 सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में काम करने वाले लगभग 42,500 मध्याह्न् भोजन कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए चन्नी ने उनके निर्धारित भत्ते को 2,200 रुपये से बढ़ाकर 3,000 रुपये प्रति माह करने की घोषणा की। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस बढ़ोतरी से राज्य के खजाने पर 64.25 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
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इसके अलावा, चन्नी ने घोषणा की कि राज्य भर में काम करने वाली सभी आशा कार्यकर्ता और मध्याह्न् भोजन कर्मचारी अब नियमित आधार पर अन्य महिला सरकारी कर्मचारियों की तरह पूर्ण मातृत्व अवकाश की हकदार होंगी। उन्होंने घोषणा की कि सभी आशा कार्यकर्ताओं और मध्याह्न् भोजन कर्मियों को अब 1 जनवरी, 2022 से बढ़ा हुआ निश्चित भत्ता मिलेगा और भविष्य में उन्हें ये भत्ते 10 महीने के बजाय 12 महीने के लिए मिलेंगे।
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रोपड़ जिले के चमकौर साहिब में एकत्रित आशा और मध्याह्न् भोजन कार्यकर्ताओं की जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख धर्म के संस्थापक ने समाज में महिलाओं के साथ हो रहे दुर्व्यवहार और भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई थी और उन्हें समान हक देने की जरूरत पर जोर दिया था।
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